रांची : फंस गये 30 एकड़ में पिपरमिंट की खेती करनेवाले किसान

संजय पलामू के हुसैनाबाद की दंगवार पंचायत में खेती के लिए किसानो ंको सहकारिता विभाग से नहीं मिला प्रोसेसिंग प्लांट रांची : पलामू जिला के हुसैनाबाद प्रखंड में है दंगवार पंचायत. यहां के किसानों के सहकारी समूह वीर कुंवर सिंह, कृषक सेवा समिति ने अपनी 30 एकड़ जमीन पर पिपरमिंट (पुदीना का एक प्रकार) की […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 14, 2019 9:06 AM
संजय
पलामू के हुसैनाबाद की दंगवार पंचायत में खेती के लिए किसानो ंको सहकारिता विभाग से नहीं मिला प्रोसेसिंग प्लांट
रांची : पलामू जिला के हुसैनाबाद प्रखंड में है दंगवार पंचायत. यहां के किसानों के सहकारी समूह वीर कुंवर सिंह, कृषक सेवा समिति ने अपनी 30 एकड़ जमीन पर पिपरमिंट (पुदीना का एक प्रकार) की खेती की है.
करीब 45 डिग्री तापमान वाले इस इलाके में पिपरमिंट के पौधे को हरा-भरा रखा है. इस भरोसे कि राज्य सरकार उन्हें प्रोसेसिंग प्लांट का खर्च देगी तथा इसके जरिये वह पिपरमिंट का तेल निकाल कर इसे खुले बाजार में बेच सकेंगे.
पर समिति के अध्यक्ष प्रियरंजन सिंह के अनुसार सहकारिता विभाग ने प्रोसेसिंग प्लांट लगाने संबंध समिति के प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी. इधर, मार्च 2019 में सहकारिता के माध्यम से किसानों को सशक्त बनाने के लिए मिला छह करोड़ रुपये का फंड सरेंडर हो गया. प्रियरंजन के अनुसार प्रोसेसिंग प्लांट नहीं होने से अब किसानों को प्रति एकड़ एक लाख रुपये से अधिक का नुकसान होगा.
झारखंड में पहली बार : उत्तर प्रदेश के बाराबंकी व लखनऊ से बीज लाकर खेती करने वाले इन किसानों के अनुसार झारखंड में पहली बार बड़े पैमाने पर पिपरमिंट की खेती की पहल हुई है. इसके पौधे की कटिंग साल में तीन बार होती है. पहली बार 40 लीटर, दूसरी बार 30 लीटर तथा तीसरी व अंतिम बार की कटिंग से करीब 20 लीटर तेल निकलता है.
इस तरह प्रति एकड़ में लगे पिपरमिंट से एक वर्ष में प्रोसेसिंग प्लांट के जरिये 90 लीटर तेल निकलता है. नोएडा व अन्य जगहों के व्यापारी 1500 रु प्रति लीटर की दर से यह तेल खरीदते हैं. इस तरह एक एकड़ खेती से किसान को 1.35 लाख रु मिलते हैं. प्रति एकड़ खेती की लागत करीब 50 हजार रु है. इस तरह प्रति एकड़ पिपरमिंट की खेती से किसान को 85 हजार रु की आय होती है. पलामू के किसानों को अब यह आय नहीं होगी.
बहुपयोगी है पुदीना : पुदीना की खोज 1753 में इंग्लैंड निवासी कार्ल लेनास ने की थी. ठंडी प्रकृति वाला पिपरमिंट एक मेडिसिनल प्लांट है, जिसके तेल का इस्तेमाल सर्दी-जुकाम में, बाल व त्वचा में सुंदरता व ताजगी लाने, दर्द व एलर्जी निवारण तथा मांसपेशियों के दर्द में होता है. पिपरमिंट का तेल डाल कर स्नान करने से लंबे समय तक ताजगी बनी रहती है. इसके अलावा इस तेल का इस्तेमाल आइसक्रीम, कैंडी व शराब में सुगंध व स्वाद के लिए होता है.

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