नेशनल एलायंस फॉर पीस एंड जस्टिस के बैनर तले हजारीबाग से चली थी पदयात्रा, रांची पहुंची, गवर्नर को दिया ज्ञापन

रांची : नेशनल एलायंस फॉर पीस एंड जस्टिस के बैनर तले 20 फरवरी को हजारीबाग से चली जंगल जमीन अधिकार यात्रा बुधवार को रांची पहुंची़ वीरेंद्र कुमार, गौतम सागर राणा, कुलदीप तिर्की, कुंदरसी मुंडा व अन्य ने राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा़ इस यात्रा में काफी संख्या में महिलाएं व युवा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 28, 2019 6:28 AM

रांची : नेशनल एलायंस फॉर पीस एंड जस्टिस के बैनर तले 20 फरवरी को हजारीबाग से चली जंगल जमीन अधिकार यात्रा बुधवार को रांची पहुंची़ वीरेंद्र कुमार, गौतम सागर राणा, कुलदीप तिर्की, कुंदरसी मुंडा व अन्य ने राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा़ इस यात्रा में काफी संख्या में महिलाएं व युवा शामिल थे़

ज्ञापन में कहा गया है कि जनजातीय अधिकार व कल्याण से संबंधित कानूनों, कार्यक्रम, नीतियों व समीक्षा कार्यान्वयन को विकसित करने के लिए जनजातीय विभाग का गठन किया जाये़

सरकार अध्यादेश लाकर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा वन अधिकार अधिनियम 2006- 07 के तहत अस्वीकृत दावे वाले आदिवासी परिवारों को बाहर करने का अादेश निरस्त करे़ वन आवास समुदाय, अनुसूचित जनजाति व अन्य परंपरागत वन निवासियों के खिलाफ दायर किये गये सभी छोटे मामले जल्द वापस लिये जाये़ं ग्राम सभा के माध्यम से एक महीने के अंदर अभियान चला कर अनुसूचित जनजाति व अन्य परंपरागत वन निवासियों को भूमि अधिकार की मान्यता दी जाये़ वन अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन के लिए राज्य स्तर पर संयुक्त कमेटी का गठन हो़ सीएनटी- एसपीटी एक्ट सख्ती से लागू हों. सभी तरह की सामुदायिक जमीन भूमि बैंक से मुक्त की जाये़ प्रस्तावित हाथी कॉरीडोर, वाइल्ड लाइफ कॉरीडोर, पलामू टाइगर प्रोजेक्ट, व नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज से होने वाले विस्थापन को रोका जाये़ भूमि समस्या के लिए भूमि आयोग का गठन किया जाये़ साथ ही विस्थापन आयोग का गठन भी हो़

यह भी कहा गया है कि भूमि अधिग्रहण कानून 2013 को सख्ती से लागू किया जाये व भूूमि अधिग्रहण कानून 2017 काे अविलंब रद्द किया जाये़

पेसा एक्ट 1996 के नियमों को केंद्रीय कानून के तहत दिये गये पत्र और उसकी भावनाओं को ध्यान में रखते हुए तत्काल अधिसूचित किया जाये़ मौजूद नॉन टिंबर वन व उत्पादन का समर्थन मूल्य व विनिमय किया जाये, इससे ग्राम सभा के माध्यम से वन निवासियों तक एनटीएफपी की पहुंच और निपटारा आसान हो सकता है़

भूदान के तहत जिन किसानों की गैर मजरुआ खास जमीन का हिस्सा बंदोबस्त किया गया है, उसे रद्द नहीं की जाये़ बची भूदान भूमि को भूमिहीनों के बीच बांटा जाये़ इस अवसर पर वीरेंद्र कुमार, गौतम सागर राणा, कुलदीप तिर्की, महावीर राम, कुंदरसी मुंडा, नीलम बेसरा, रमेश हेमरोम व अन्य मौजूद थे़

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