झारखंड के 60 फीसदी बच्चों को नहीं मिल रहा है सही पोषण

स्वास्थ्य सचिव डॉ कुलकर्णी ने कहा रांची : स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने कहा कि राज्य में 60 प्रतिशत बच्चों काे सही पोषण नहीं मिल पा रहा है. इससे उनके विकास पर असर पड़ रहा है. बच्चों को सही पोषण कैसे मिले इस पर स्वास्थ्य विभाग भी काम कर रहा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 26, 2019 8:46 AM
स्वास्थ्य सचिव डॉ कुलकर्णी ने कहा
रांची : स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने कहा कि राज्य में 60 प्रतिशत बच्चों काे सही पोषण नहीं मिल पा रहा है. इससे उनके विकास पर असर पड़ रहा है.
बच्चों को सही पोषण कैसे मिले इस पर स्वास्थ्य विभाग भी काम कर रहा है, लेकिन अभी भी सही समय पर बच्चों को सही दवा नहीं मिल पा रही है. बड़े हों या बच्चे, जो खाना खा रहे हैं उसमें पोषक तत्व कितना है इसकी जानकारी नहीं है. यह पता नहीं है कि हम जिस सब्जी या फल काे खा रहे हैं उसमें कितना यूरिया मिला हुआ है या वह हाइब्रिड है. डॉ कुलकर्णी सोमवार को होटल कैपिटोल हिल में माइक्रोन्यूट्रिएंट सप्लीमेंटेशन के लॉचिंग कार्यक्रम में बोल रहे थे.
उन्होंने कहा कि जिस कार्यक्रम को लांच किया जा रहा है उसको धरातल पर उतारने की पूरी कोशिश की जा रही है. लाभार्थियों में गर्भवती, स्तनपान कराने वाली, नवजात शिशु-बच्चे व किशोरी को सूक्ष्म पोषक की आपूर्ति करने व उसकी पहुंच बढ़ाने की कोशिक की जायेगी. सूक्ष्म पोषक तत्वों के लिए राज्य कार्य योजना का विकास किया गया है.
एनएचएम, आइसीडीएस व शिक्षा विभागों में काम करनेवाले स्टोर इंचार्ज व पर्यवेक्षकों को राज्य में सूक्ष्म पोषकों की आपूर्ति मुहैया कराने की जिम्मेदारी गयी है. एनएफएचएस-फोर के अनुसार झारखंड में लगभग 69 फीसदी महिलाओं को आयरन की गोलियां मिलती हैं, लेकिन सिर्फ 15 फीसदी महिलाएं इनका सेवन कर पाती हैं. बच्चों की बात करें तो मात्र 6.3 फीसदी नवजात शिशुओं को पीडिएट्रिक आइएफए मिल पाता है. पांच साल से कम उम्र के 53 फीसदी बच्चों को विटामिन ए मिल पाता है.
न्यूट्रिशन मिशन झारखंड के निदेशक डाॅ दिनेश कुमार सक्सेना ने कहा की जमीनी स्तर पर काम करने के लिए फील्ड लेबल स्टाफ के पास पूरा प्लान होना चाहिए. ताकि आमलोगों को यह बताया जा सके कि कौन सी दवा कब देनी है.
आइएपीएफ ग्लोबल नयी दिल्ली की डाॅ गुंजन तनेजा, डाॅ सुमित्रा राय, यूनिसेफ की डाॅ मधुलिका जोनाथन, डाॅ जया प्रसाद सहित स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे.
पांच चरणों में पूरी होगी प्रक्रिया
यह कार्य योजना पांच चरणों में पूरी की जायेगी. पहले चरण में जिला, ब्लॉक व ग्रामीण स्तर पर गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए आयरन, कैल्शियम व अल्बेंडाजोल की दवा दी जायेगी.
बच्चों के लिए आइएफए सिरप, विटामिन ए व अल्बेंडाजोल दिया जायेगा. वहीं किशोरों के लिए आइएफए ब्लू अल्बेंडाजोल की आवश्यक मात्रा दी जायेगी. दूसरे चरण में स्वास्थ्य केंद्रों में आइएफए सिरप, आइएफए रेड, आइएफए पिंक, आइएफए ब्लू कैल्शियम, विटामिन व अल्बेंडाजोल की उपलब्धता सामुदायिक स्तर पर सुनिश्चित की जायेगी.
तीसरे चरण में जिला व उप-जिला स्तर पर सूक्ष्म पोषकों का मासिक वितरण किया जायेगा. चौथे चरण में जिला राज्य स्तर पर नियमित समीक्षा की जायेगी. पांचवें चरण में एनएचएम, आइसीडीएस व शिक्षा विभाग के सभी स्वास्थ्य कर्मियों को राज्य के सूक्ष्म पोषक पूरकता प्रोग्राम में सक्षम बनाया जायेगा.

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