रांची : 1971 में हुए भारत-पाक युद्ध का हीरो लड़ रहा है मौत से

अजय दयाल रांची : ये तो हम सभी जानते हैं कि 1971 में भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था, जिसमें भारत देश को जीत मिली थी. लेकिन क्या हम जानते हैं इस जीत में अहम भूमिका निभाने वाले एक ऐसे वीर सैनिक के बारे में जो झारखंड के सिमडेगा जिले के रहनेवाले हैं. नाम है […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 18, 2019 7:19 AM
अजय दयाल
रांची : ये तो हम सभी जानते हैं कि 1971 में भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था, जिसमें भारत देश को जीत मिली थी. लेकिन क्या हम जानते हैं इस जीत में अहम भूमिका निभाने वाले एक ऐसे वीर सैनिक के बारे में जो झारखंड के सिमडेगा जिले के रहनेवाले हैं. नाम है मनसिद्ध कंडुलना.
उनकी उम्र 69 वर्ष है और वर्तमान में रांची के राज अस्पताल के कमरा नंबर-411 में इलाजरत हैं और जिंदगी व मौत से जूझ रहे है़ं युद्ध के दौरान अदम्य साहस का परिचय देते हुए दुश्मनों के दांत खट्टे कर दिये थे. हालांकि इसके लिए उन्हें अपना दाहिना पैर तक गंवाना पड़ा, लेकिन जीतने की जिद और देश के आगे उन्हें कुछ भी नजर नहीं आया. मनसिद्ध ने अपने सेवाकाल में कई मेडल भी जीते हैं
जानकारी के मुताबिक सिमडेगा के कोलमडेगा निवासी मनसिद्ध कंडुलना डेढ़ महीना से बीमार चल रहे है़ं आलम यह है कि गंभीर हालत में भी उन्हें देखने वाला कोई नहीं है़ और तो और एक पैर नहीं होने के बाद भी उनके पास एक व्हीलचेयर तक नहीं है कि उन्हें बैठा कर कहीं ले जाया जा सके़ सेना के द्वारा उनका इलाज तो कराया जा रहा है, लेकिन अन्य खर्च के लिए वे आर्थिक तंगी से जूझ रहे है़ं उनके पास पैसे नहीं है़ं अस्पताल में अन्य खर्च के लिए उन्हें कर्ज लेना पड़ रहा है़
भूतपूर्व सैनिकों का संगठन वेटरन इंडिया झारखंड चैप्टर के रांची जिला अध्यक्ष उमेश सिंह को जब इस बात का पता चला तो डेढ़ महीना पहले उन्होंने गुमला जिला अध्यक्ष सुमन होरो को इसकी जानकारी दी़ उसके बाद मनसिद्ध कंडुलना को सिमडेगा से रांची लाकर राज अस्पताल में भर्ती कराया गया़ फिलहाल वेटरन इंडिया झारखंड चैप्टर के पदाधिकारी व सदस्य उनकी सेवा में लगे हैं, लेकिन सरकार की ओर से कोई नुमाइंदा उन्हें देखने तक नहीं पहुंचा़, जिससे भूतपूर्व सैनिकों में रोष है़

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