खूंटी पुलिस और पीएलएफआइ मुठभेड़ मामला : मारे गये उग्रवादियों में 11 साल का बच्चा भी

खूंटी/रांची : पुलिस और पीएलएफआइ के बीच 29 जनवरी को हुई मुठभेड़ में मारे गये पांचों उग्रवादियों की शिनाख्त कर ली गयी है. मारे गये उग्रवादियों में पीएलएफआइ के जोनल कमांडर प्रभु सहाय बोदरा, पलटन मुंडा, बच्चा और संजय ओड़ेया की पहचान पहले ही हो चुकी थी. गुरुवार को एक अन्य उग्रवादी की भी पहचान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 1, 2019 8:45 AM
खूंटी/रांची : पुलिस और पीएलएफआइ के बीच 29 जनवरी को हुई मुठभेड़ में मारे गये पांचों उग्रवादियों की शिनाख्त कर ली गयी है. मारे गये उग्रवादियों में पीएलएफआइ के जोनल कमांडर प्रभु सहाय बोदरा, पलटन मुंडा, बच्चा और संजय ओड़ेया की पहचान पहले ही हो चुकी थी. गुरुवार को एक अन्य उग्रवादी की भी पहचान हो गयी है. इसकी पहचान अड़की थाना क्षेत्र के नरंगा गांव निवासी सबन सोय के पुत्र संत थोमस सोय (11 वर्ष) के रूप में की गयी है.
संत थोमस सोय की मां पौलिना सोय, पिता सबन सोय और अन्य परिजनों ने उसकी पहचानी की. उन्होंने बताया कि वह मुरहू के संत जॉन स्कूल में चौथी कक्षा का छात्र था और मुरहू के डुडरी में अपनी छोटी बहन के साथ किराये के कमरे में रहता था.
क्रिसमस के दौरान वह गांव आया था. इसके बाद 21 जनवरी की शाम को घर से निकला, फिर वापस नहीं लौटा. कई जगह उसकी तलाश की गयी, लेकिन पता नहीं चला. इसके बाद वह मुठभेड़ में मारा गया. दो भाई और एक बहन में वह सबसे बड़ा था. मृतक संत थोमस सोय की मां ने कहा कि उसके पीएलएफआइ से जुड़े होने की उन्हें कोई जानकारी नहीं थी.
आधार कार्ड के अनुसार, संत थोमस सोय का जन्म 2008 में हुआ था
मारे गये उग्रवादियों में दो नाबालिग निकले
संत थोमस सोय के परिजनों के अनुसार, वह मात्र 11 वर्ष का था. आधार कार्ड के अनुसार उसका जन्म 2008 में हुआ था. मारे गये एक अन्य उग्रवादी संजय ओड़ेया की उम्र महज 14 साल थी. उसके आधार कार्ड के अनुसार उसका जन्म वर्ष 2004 में हुआ था. पूर्व में वह अपहरण करने के आरोप में जेल भी जा चुका था.
उधर, पुलिस की गोली से घायल हुआ एक उग्रवादी भी नाबालिग है. आधार कार्ड के अनुसार, उसका जन्म 2004 में हुआ था. पीएलएफआइ से जुड़े होने के मामले में वह पहले भी गिरफ्तार हो चुका था और कुछ ही दिन पहले रिमांड होम से बाहर आया था. फिलहाल उसका इलाज रिम्स में किया जा रहा है.