रांची : पाठशाला और प्रयोगशाला के माध्यम से डिजिटल बैंकिंग को मिल रहा बढ़ावा

रांची : ग्राहकों के बीच डिजिटल बैंकिंग तकनीक को बढ़ावा देने के मकसद से बैंक ऑफ इंडिया ने नयी पहल की है. पाठशाला और प्रयोगशाला के माध्यम से डिजीटल बैंकिंग के बारे में जानकारी दी जा रही है. आये दिन साइबर फ्रॉड की घटनाएं सुनने को मिल रही हैं. इसी को देखते हुए पाठशाला में […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 20, 2019 4:06 AM
रांची : ग्राहकों के बीच डिजिटल बैंकिंग तकनीक को बढ़ावा देने के मकसद से बैंक ऑफ इंडिया ने नयी पहल की है. पाठशाला और प्रयोगशाला के माध्यम से डिजीटल बैंकिंग के बारे में जानकारी दी जा रही है.
आये दिन साइबर फ्रॉड की घटनाएं सुनने को मिल रही हैं. इसी को देखते हुए पाठशाला में डिजिटल बैंकिंग के बारे में जानकारी दी जा रही है. साथ ही प्रयोगशाला में पॉश मशीन से लेकर अन्य डिजिटल तकनीक के बारे में बताया जा रहा है कि इसके क्या फायदे और क्या नुकसान हैं. यह बातें बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी दीनबंधु मोहपात्रा ने शनिवार को प्रभात खबर के वरीय संवाददाता राजेश कुमार से विशेष बातचीत में कही.
ग्रामीणों को कर रहे जागरूक : उन्होंने कहा कि हर सप्ताह एक गांव में जाकर बैंक अधिकारी ग्रामीणों को जागरूक करने का काम कर रहे हैं, ताकि वे डिजिटल बैंकिंग तकनीक से अवगत हो सकें, साथ ही सुरक्षित बैंकिंग कर सकें. इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि लोग घर बैठे-बैठे कई बैंकिंग काम कर सकेंगे.
एनपीए को कम करने को समाधान और संजीवनी स्कीम : उन्होंने कहा कि एनपीए को कम करने के लिए बैंक ने समाधान और संजीवनी स्कीम की शुरुआत की है. इसके माध्यम से ऋणों की रिकवरी हो रही है. ग्रामीण को घर के पास बैंकिंग सुविधा मिल सके, इसलिए बैंक डिजी बैंकिग और बीसी बैंकिंग पर जोर दे रहा है. झारखंड में वर्तमान में 1,450 बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट हैं, जबकि शाखाओं की संख्या 554 है.

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