सूरत से रेस्क्यू कर लायी गयीं झारखंड की चार बेटियां

रांची : राज्य महिला आयोग की टीम ने बुधवार को झारखंड के अलग-अलग जिलों की चार बेटियों को सूरत से रेस्क्यू कर लाया है. ये बेटियां साहेबगंज, गिरिडीह, लोहरदगा और गोड्डा की हैं. इनकी उम्र 20 से 22 वर्ष के बीच है़ इनमें एक किशोरी 11 साल की है़, जबकि दो युवतियां शादीशुदा हैं. बताया […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 17, 2019 1:04 AM
रांची : राज्य महिला आयोग की टीम ने बुधवार को झारखंड के अलग-अलग जिलों की चार बेटियों को सूरत से रेस्क्यू कर लाया है. ये बेटियां साहेबगंज, गिरिडीह, लोहरदगा और गोड्डा की हैं. इनकी उम्र 20 से 22 वर्ष के बीच है़ इनमें एक किशोरी 11 साल की है़, जबकि दो युवतियां शादीशुदा हैं.
बताया जाता है कि इनमें से तीन युवतियाें को सूरत में बेच दिया गया था़, जहां उनसे बंधुआ मजदूरी करायी जाती थी. वहीं एक युवती को उसके ससुराल वालों ने ही बेच दिया था.
ये युवतियां अब अपने घर वापस नहीं जाना चाहतीं. आज महिला आयोग की अध्यक्ष कल्याणी शरण ने सभी युवतियों से आयोग कार्यालय में पूछताछ की. अध्यक्ष ने युवतियों की जिंदगी फिर से संवारने की बात कही है. उन्होंने कहा है कि युवतियों को शिक्षा से लेकर रोजगार तक मुहैया कराने का प्रयास आयोग द्वारा कराया जायेगा.
जानकारी के अनुसार साउथ विहार वेलफेयर सोसाइटी फॉर ट्राइबल की रेस्क्यू टीम की मदद से इन बेटियों को रेस्क्यू कराया गया. इनका होम वेरिफिकेशन भी करा दिया गया है़ परिवार वालों को इनके मिलने की सूचना दी गयी है. अध्यक्ष ने बताया कि परिवार वालों के आने के बाद आवश्यक कार्रवाई कर इन युवतियों को उनके हवाले कर दिया जायेगा.
दहेज की मांग पूरी करने के लिए युवती को भागना पड़ा : रेस्क्यू कर लायी गयी एक शादीशुदा युवती ने बताया कि ससुराल वालों ने उससे दहेज के रूप में 50 हजार रुपये की मांग की थी. उसे पूरा करने के लिए अपने ससुराल से भाग कर सूरत पहुंच गयी. वहीं सिलाई केंद्र में काम कर रही थी़
तभी गुजरात पुलिस ने झारखंड महिला आयोग से संपर्क किया. वहीं एक अन्य शादीशुदा युवती ने बताया कि उसके माता-पिता का देहांत हाे गया था. मामा ने तीन बच्चों के पिता से शादी करा दी, इसके बाद उसे बेच दिया गया. एक युवती आदिम जनजाति की है. वह 10वीं कक्षा तक पढ़ी है. उसने बताया कि उसके साथ पांच अन्य आदिवासी युवतियां को भी पटना के एक युवक ने बेच दिया था.
वह भी लड़के के चंगुल में फंस कर गुजरात चली गयी थी, जहां उससे बंधुआ मजदूरी करायी जाती थी. रेस्क्यू की गयी 11 साल की किशोरी ने बताया कि उसकी मां ही उसे सूरत के एक घर में छोड़ कर चली गयी थी. अब वह किशोरी अपने घर नहीं लौटना चाहती है. इसलिए इसकी सूचना बाल संरक्षण आयोग की दे दी गयी है.

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