रांची : ट्रेड यूनियनों की दो दिनी हड़ताल समाप्त अब 21 फरवरी को संसद घेरेंगे कर्मचारी

हड़ताल के दौरान पूरे देश में 20 करोड़ से अधिक कामगारों ने हिस्सा लिया रांची : मजदूर संगठनों की दो दिनी हड़ताल बुधवार को समाप्त हो गयी. मजदूर संगठन अपनी 12 सूत्री मांगों को लेकर दो दिनों की हड़ताल पर थे. दूसरे दिन भी बैंक, बीमा, डाक सेवा पर व्यापक असर रहा. राज्य के अन्य […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 10, 2019 6:57 AM
हड़ताल के दौरान पूरे देश में 20 करोड़ से अधिक कामगारों ने हिस्सा लिया
रांची : मजदूर संगठनों की दो दिनी हड़ताल बुधवार को समाप्त हो गयी. मजदूर संगठन अपनी 12 सूत्री मांगों को लेकर दो दिनों की हड़ताल पर थे. दूसरे दिन भी बैंक, बीमा, डाक सेवा पर व्यापक असर रहा. राज्य के अन्य सार्वजनिक उपक्रमों में इस हड़ताल का मिलाजुला असर दिखायी दिया. वहीं, निजी कंपनियों आंशिक असर रहा. सरकारी विभाग में अन्य दिनों से उपस्थिति कम रही. मजदूर संगठनों ने विभिन्न बैनरों के तले रैलियां निकाली. सरकारी, स्कीम वर्कर अन्य कर्मियों ने 21 फरवरी को संसद घेरने की घोषणा की है.
सीटू के महासचिव प्रकाश विप्लव ने दावा किया कि इस हड़ताल के दौरान पूरे देश में 20 करोड़ से अधिक कामगारों ने हिस्सा लिया. झारखंड में 80 लाख से अधिक मजदूर हड़ताल में शामिल हुए. करीब 138 कामगार गिरफ्तार हुए. 300 से अधिक किसानों की गिरफ्तारी हुई. आंदोलन का असर सड़क और रेल मार्ग पर भी हुआ. राज्य में कोयला, इस्पात, भारी अभियंत्रण, फार्मा, निर्माण, बीड़ी, पत्थर, सीमेंट, मजदूर, स्कीम वर्कर, बीमा, दूरसंचार, बैंक के कर्मी पूरी तरह आंदोलन का साथ दिया. सरकार ने इसके बाद भी मांगें नहीं मानी, तो आंदोलन बड़ा रूप लेगा.
वामदलों ने हड़ताल को सफल बताया
वामदलों ने सेंट्रल ट्रेड यूनियन की द्वारा देशव्यापी हड़ताल की सफलता पर हर्ष जताया है. कहा कि देश की जनता ने मोदी सरकार की कॉर्पोरेट नीति और श्रम कानूनों में संशोधन को नकार दिया है. सीपीएम के राज्य सचिव गोपीकांत बक्शी, माले के राज्य सचिव जनार्दन प्रसाद, सीपीआइ के अजय सिंह, मासस के आनंद महतो आदि ने कहा कि झारखंड में कोयला उत्पादन और ढुलाई पूरी तरह ठप रही. संचार और डाक व्यवस्था भी बंद रहे, बीमा, स्टील, केंद्रीय कार्यालयों और राज्य के कर्मचारी लोग पूरी तरह से हड़ताल में भाग लिया. सरकार को हड़ताल में शामिल लोगों पर किये गए मुकदमे वापस लेना चाहिए.
अखिल झारखंड कर्मचारी महासंघ, झालकोकर्मियों ने आंदोलन का समर्थन करते हुए पूर्व में प्रबंधन से तय शर्तों को मानने का आग्रह किया. कर्मी पुनरीक्षित वेतन, सेवानिवृत्ति लाभ, ग्रेच्यूटी, एसीपी आदि की मांग कर रहे हैं. महासंघ के महासचिव घनश्याम रवानी ने कहा कि सरकार ने बात नहीं मानी, तो 21 फरवरी को संसद का घेराव किया जायेगा.
श्रम भवन के सामने मजदूर संगठनों का प्रदर्शन
हड़ताल के दूसरे दिन मजदूर यूनियनों ने डोरंडा स्थित श्रम भवन के सामने प्रदर्शन किया. जुलूस एक्टू कार्यालय से निकलकर डोरंडा स्थित श्रम भवन पहुंचा. वहां मुख्य द्वार को जाम कर दिया गया. इस मौके सरकार से श्रम कानूनो में किये गये संशोधन वापस लेने, निर्माण मजदूरों को 600 रुपये प्रतिदिन मजदूरी एवं 3000 रुपये मासिक पेंशन की गारंटी देने की मांग की गयी. आयुष्मान हेल्थ कार्ड प्रवासी मजदूरो के साथ-साथ सभी निबंधित मजदूरों को जारी करने आदि मांग की गयी.
इस मौके पर 4 सूत्री मांग पत्र संयुक्त श्रमायुक्त श्याम किशोर पाठक को सौंपा गया. इसमें शुभेदू सेन, भुवनेश्वर केवट, भीम साहू, अब्दुल हमीद, एनामुल हक, विश्वनाथ पंडित, विनोद ठाकुर, जुगल महतो, महावीर मुंडा, खद्दी उरांव, रानी सिंह, सीमा कोरिया, क्रिस्टीना सोय, लूसी नाग, एति तिर्की, एतवारी देवी आदि शामिल हुए.

Next Article

Exit mobile version