रांची : स्पाइनल इंज्यूरी सेंटर के लिए सदर अस्पताल में जगह देने से सिविल सर्जन ने किया इनकार

12 बेडवाले सेंटर के लिए चाहिए चार से छह हजार वर्ग फुट की जगह रांची : सिविल सर्जन, रांची ने अस्पताल में प्रस्तावित स्टेट स्पाइनल इंज्यूरी मैनेजमेंट सेंटर के लिए जगह उपलब्ध कराने से इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा है कि इस सेंटर की स्थापना के लिए सदर अस्पताल में जगह नहीं है. जबकि […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 25, 2018 9:32 AM
12 बेडवाले सेंटर के लिए चाहिए चार से छह हजार वर्ग फुट की जगह
रांची : सिविल सर्जन, रांची ने अस्पताल में प्रस्तावित स्टेट स्पाइनल इंज्यूरी मैनेजमेंट सेंटर के लिए जगह उपलब्ध कराने से इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा है कि इस सेंटर की स्थापना के लिए सदर अस्पताल में जगह नहीं है. जबकि 12 बेड वाले राज्य के इस अकेले सेंटर का पूरा प्रस्ताव 300 बेड वाले सदर अस्पताल में ही इसकी स्थापना के अाधार पर बना था. इससे केंद्रीय सहयोग से बनने वाले इस महत्वपूर्ण सेंटर पर ग्रहण लग गया है. सेंटर के लिए चार से छह हजार वर्ग फुट तक जगह चाहिए.
स्वास्थ्य विभाग ने केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय के निर्देश पर स्पाइनल इंज्यूरी सेंटर का प्रस्ताव तैयार किया था. सेंटर के लिए जरूरी मशीनरी तथा आधारभूत संरचना विकास के लिए मंत्रालय को करीब चार करोड़ रुपये राज्य सरकार को उपलब्ध कराने हैं.
पर अब जगह की समस्या आ गयी है. मंत्रालय ने सड़क दुर्घटना तथा टीबी व अन्य बीमारी के कारण स्पाइनल इंज्यूरी (रीढ़ की हड्डी में चोट) के बढ़ते मामले तथा इस परिस्थिति में मरीज के असहाय व अपंग हो जाने सहित इससे लंबे समय तक न उबर पाने का हवाला देते हुए कम से कम 12 बेड वाले इस सेंटर की स्थापना की सलाह दी थी. केंद्र के अनुसार स्पाइनल इंज्यूरी से न सिर्फ मरीज बल्कि पूरा परिवार सामाजिक, आर्थिक व भावनात्मक रूप से टूट जाता है. इसलिए स्पाइनल इंज्यूरी से प्रभावित लोगों के लिए यह सेंटर खोलने को प्राथमिकता देने को कहा गया था.
प्रस्ताव बनाने में लगा एक साल
स्पाइनल इंज्यूरी सेंटर का प्रस्ताव बनाने में राज्य सरकार को साल भर लग गये. जबकि केंद्र ने दिसंबर 2016 में ही राज्य सरकार को इससे संबंधित पत्र लिखा था. दरअसल, यह पत्र समाज कल्याण विभाग को मिला था. इसके बाद समाज कल्याण विभाग के पूर्व सचिव एमएस भाटिया ने नौ फरवरी 2017 को ही यह पत्र स्वास्थ्य विभाग को भेज दिया था. पर यहां प्रस्ताव तैयार करने में साल भर लग गये.
रिम्स : सुबह नौ बजे ब्लड बैंक पहुंचे निदेशक अधिकांश डॉक्टर व कर्मचारी ड्यूटी से थे नदारद
रांची. रिम्स निदेशक सोमवार की सुबह नौ बजे अचानक ब्लड बैंक पहुंचे. वे करीब एक घंटा यहां रहे. इस दौरान अधिकांश डॉक्टर व कर्मचारी ड्यूरी से नदारद थे.मरीज के परिजन ब्लड लेने के लिए कतार में खड़े थे.
10 बजे के बाद कर्मचारियों का अाना शुरू हुआ, लेकिन तब तक निदेशक ने डाॅक्टराें व कर्मचारियों की उपस्थिति पंजी मंगा कर उन्हें अनुपस्थित कर दिया था. इन सभी से स्पष्टीकरण भी मांगा गया. निदेशक ने स्पष्ट कहा कि डॉक्टर व कर्मचारी हर हाल में समय का पालन करें. एक-एक कर हर विभाग का औचक निरीक्षण करेंगे. जिस भी विंग व विभाग में डॉक्टर व कर्मचारी समय पर ड्यूटी नहीं आयेंगे, उन्हें अनुपस्थित किया जायेगा.
जेरियेट्रिक विंग का निरीक्षण किया
रिम्स निदेशक ने जेरियेट्रिक विंग का भी निरीक्षण किया. जब उन्होंने कमरा खुलवाया, तो देखा कि वहां ऑटोलोगस ब्लड ट्रांसफ्यूजन मशीन पड़ी है. इस मशीन का उपयोग सर्जरी के दौरान मरीज के खून को शुद्ध कर दोबारा शरीर में पहुंचाने में किया जाता है.
यह मशीन पांच साल पहले मंगायी गयी थी, लेकिन आज तक इसका उपयोग नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि जब इसकी उपयोगिता नहीं थी, तो क्यों मंगाया गया. इसकी जानकारी ली जायेगी.

Next Article

Exit mobile version