किसानों को प्रति एकड़ खेती के लिए 5000 रुपये देगी सरकार, 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य

रांची : राज्य सरकार किसानों को हर वर्ष खरीफ फसलों की खेती के लिए प्रति एकड़ पांच हजार रुपये की सहायता देगी. एक एकड़ से कम जमीन वाले किसानों को भी न्यूनतम पांच हजार रुपये की राशि हर साल दी जायेगी. राशि का भुगतान किसानों को सीधे उनके बैंक खाते में किया जायेगा. मुख्यमंत्री रघुवर […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 22, 2018 2:17 AM
रांची : राज्य सरकार किसानों को हर वर्ष खरीफ फसलों की खेती के लिए प्रति एकड़ पांच हजार रुपये की सहायता देगी. एक एकड़ से कम जमीन वाले किसानों को भी न्यूनतम पांच हजार रुपये की राशि हर साल दी जायेगी.
राशि का भुगतान किसानों को सीधे उनके बैंक खाते में किया जायेगा. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शुक्रवार को शाम प्रोजेक्ट भवन में प्रेस कांफ्रेंस कर यह घोषणा की. उन्होंने कहा िक इस योजना से राज्य के 22.76 लाख किसान लाभांवित होंगे.
सीएम ने कहा िक 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर झारखंड सरकार ने मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना की शुरुआत करने का फैसला किया है. इसके तहत पांच एकड़ तक भूमि वाले लघु और सीमांत किसानों को सालाना प्रति एकड़ पांच हजार रुपये की सहायता प्रदान की जायेगी.
वर्ष 2019-20 के बजट में इस योजना को शामिल करने के निर्देश दिये गये हैं. मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना से राज्य सरकार पर लगभग 2250 करोड़ रुपये सालाना बोझ बढ़ेगा. प्रेस कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुनील वर्णवाल और कृषि सचिव पूजा सिंघल भी उपस्थित थे.
  • 2250 करोड़ रुपये सालाना खर्च
  • 22.76 लाख किसानों को मिलेगा लाभ
  • 2019-20 के बजट में प्रावधान करने का दियागया निर्देश
  • उत्पाद का सही मूल्य दिलाने के लिए बाजार उपलब्ध कराने का प्रयास जारी
शून्य प्रतिशत ब्याज पर लोन भी दिया जायेगा
मुख्यमंत्री ने कहा िक किसानों की खुशहाली के लिए राज्य सरकार लगातार कार्य कर रही है. फिलहाल, राज्य में 14.85 लाख किसानों की फसल बीमा का 66 करोड़ रुपये सालाना प्रीमियम राज्य सरकार भर रही है.
किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर लोन भी उपलब्ध कराया जा रहा है. मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना के तहत धान की फसल के लिए 45 लाख एकड़ जमीन पर किसानों को लाभ मिलेगा.
दास ने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से पिछले चार वर्षों में माइनस 4.5 की कृषि विकास दर बढ़ कर 14 फीसदी पहुंच गयी है. सरकार मानती है कि राज्य को समृद्ध करने के लिए किसानों का समृद्ध होना जरूरी है.
किसानों को उनके उत्पाद का सही मूल्य दिलाने के लिए बाजार उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है. हाल में ही संपन्न हुए ग्लोबल एग्रीकल्चर समिट से कई संभावनाएं बनी हैं. देश-विदेश के निवेशकों ने राज्य में कृषि के क्षेत्र में निवेश की इच्छा जतायी है.
कृषक कल्याण योजना से 2022 तक आय दोगुनी करने का लक्ष्य
सीएम ने कहा : यह पूरी तरह कृषक कल्याण योजना है. 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य पूरा करने में योजना सहायक साबित होगी. अब झारखंड के किसानों को बीज, खाद व अन्य कृषि निवेश के लिए किसी पर निर्भर नहीं रहना होगा. खेती के लिए किसानों को कर्ज लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी. सीधे किसानों के खाते में राशि जाने से कृषक अपनी मर्जी से खर्च कर सकेंगे.

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