रांची : रेंजर भर्ती व प्रोन्नति नियमावली तैयार, मिल गयी है कैबिनेट की मंजूरी

मनोज सिंह रांची : वन क्षेत्र पदाधिकारी (रेंजर) की बहाली में वानिकी स्नातक छात्रों को कोई प्राथमिकता नहीं दी जायेगी. वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने रेंजर भर्ती एवं प्रोन्नति नियमावली तैयार कर ली है. इसको कैबिनेट की मंजूरी मिल गयी है. इसमें सामान्य स्नातक आवेदन कर सकेंगे. बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के वानिकी संकाय […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 20, 2018 9:37 AM
मनोज सिंह
रांची : वन क्षेत्र पदाधिकारी (रेंजर) की बहाली में वानिकी स्नातक छात्रों को कोई प्राथमिकता नहीं दी जायेगी. वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने रेंजर भर्ती एवं प्रोन्नति नियमावली तैयार कर ली है. इसको कैबिनेट की मंजूरी मिल गयी है. इसमें सामान्य स्नातक आवेदन कर सकेंगे. बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के वानिकी संकाय के छात्र रेंजर बहाली में प्राथमिकता देने की मांग कर रहे हैं. इसको लेकर आंदोलन भी कर चुके हैं. आसपास के कई राज्यों ने अपनी नियुक्ति नियमावली में स्थानीय कॉलेज से पास करने वाले वानिकी स्नातकों को 50 फीसदी तक का आरक्षण दिया है. हिमाचल प्रदेश, ओड़िशा, कर्नाटक, जम्मू कश्मीर अपने यहां पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को 50 फीसदी आरक्षण दे रहा है.
झारखंड में रेंजर के 383 पद स्वीकृत : झारखंड में रेंजर के 383 पद स्वीकृत हैं. इसमें 192 सीट प्रोमोशन से भरी जाती है. 191 सीट सीधी बहाली से भरी जाती है. वर्तमान में करीब 250 सीटों पर रेंजर काम कर रहे हैं. करीब सवा सौ सीट अभी भी खाली है. वन निगम में भी करीब 200 पद रिक्त हैं. बहाली की प्रक्रिया झारखंड लोक सेवा आयोग से होनी है. नियुक्ति लिखित परीक्षा के साथ-साथ शारीरिक क्षमता एवं चिकित्सकीय जांच के बाद होगी. चयन के बाद दो साल का प्रशिक्षण भी दिया जायेगा. प्रोन्नति भी मेधा सह वरीयता के आधार पर देने का प्रावधान रखा गया है.
सामान्य अभ्यर्थियों की तरह शामिल हो सकेंगे वानिकी स्नातक
वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने रेंजर नियुक्ति के लिए जो शैक्षणिक योग्यता निर्धारित की है, उसमें वनस्पति विज्ञान, रसायन विज्ञान, भूगर्भ विज्ञान, गणित, भौतिकी, सांख्यिकी, जंतु विज्ञान, पशुपालन एवं पशु रोग विभाग, कृषि स्नातक, वानिकी या अभियंत्रण में स्नातक की डिग्री होनी चाहिए. इसके लिए सामान्य पुरुष की ऊंचाई 163 सेमी व एसटी के लिए 152.5 सेमी होनी चाहिए. महिला की ऊंचाई 150 सेमी तथा एसटी के लिए 145 मिमी होनी चाहिए. चयन के लिए लिखित, शारीरिक, चिकित्सकीय परीक्षण के बाद साक्षात्कार का आयोजन होगा.
एशिया का पहला वानिकी महाविद्यालय बीएयू में
बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के अधीन संचालित वानिकी महाविद्यालय एशिया का पहला कॉलेज है. यहां वर्तमान में प्रति वर्ष करीब 52 विद्यार्थियों के एडमिशन का प्रावधान है. इसकी स्थापना 1979 में हुई थी. कॉलेज शुरू होने के बाद पहले बैच का प्लेसमेंट वन निगम में हुआ था. उसके बाद यहां के विद्यार्थियों को रोजगार का संकट हो गया है. वानिकी स्नातक की पढ़ाई करने के बाद विद्यार्थी दूसरी प्रतियोगिता परीक्षा की तैयार करते हैं. प्लेसमेंट नहीं होने के कारण इस कॉलेज में विद्यार्थियों ने एडमिशन लेना बंद कर दिया है. इस कारण पिछले 20 साल से कभी सीट पूरी नहीं भर रही है. कॉलेज के शुरुआती दिनों में बीएयू के तकनीकी संस्थानों के लिए आयोजित परीक्षा में टॉपरों का एडमिशन वानिकी में होता था. 1990 में 33 लोग वन निगम में बहाल हुए थे.
ओड़िशा में 50 फीसदी सीट वानिकी स्नातक के लिए आरक्षित है. झारखंड में रेंजर बहाली नीति बनाये जाने की मांग राज्य गठन के समय से हो रही है. वानिकी के विद्यार्थियों की मांग पर अर्जुन मुंडा की सरकार में आश्वासन मिला था. इसके बावजूद ध्यान नहीं दिया गया. भारत सरकार की नीति-1988 में रेंजर बहाली में वानिकी स्नातक को प्राथमिकता देने का जिक्र है. सरकार को यहां के अधिकारी गुमराह कर रहे हैं. 2012 में बहाली निकली थी. उसके बाद बहाली रुक गयी. फिर आंदोलन किया जायेगा.
दीपक कुमार, पूर्व अध्यक्ष, झारखंड वानिकी स्नातक संघ

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