रांची : 15 नवंबर तक रिम्स को हैंडओवर हो सकता है ट्रॉमा सेंटर

तेजी से चल रहा है रिम्स के ट्रॉमा सेंटर की आंतरिक साज-सज्जा का काम रांची : रिम्स में जल्द ही 50 बेड का ट्राॅमा सेंटर और 50 बेड का इमरजेंसी तैयार हो जायेगा. इसका निर्माण कर रही एजेंसी भवन के आंतरिक संरचना को पूरा करने में लगी हुई है. ट्राॅमा सेंटर में फॉल सीलिंग व […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 29, 2018 6:26 AM
तेजी से चल रहा है रिम्स के ट्रॉमा सेंटर की आंतरिक साज-सज्जा का काम
रांची : रिम्स में जल्द ही 50 बेड का ट्राॅमा सेंटर और 50 बेड का इमरजेंसी तैयार हो जायेगा. इसका निर्माण कर रही एजेंसी भवन के आंतरिक संरचना को पूरा करने में लगी हुई है. ट्राॅमा सेंटर में फॉल सीलिंग व रंग-रोगन का काम तेजी से चल रहा है.
उपकरणों को लगाने के लिए बिजली के प्वाइंट्स भी स्थापित किये जा रहे हैं. प्रभात खबर की टीम ने मंगलवार को ट्राॅमा सेंटर व इमरजेंसी के काम की प्रगति का जायजा लिया. कार्य की प्रगति को देखने के बाद से ऐसी उम्मीद की जा रही है कि 15 नवंबर तक भवन हैंड ओवर हो जायेगा.
इधर, रिम्स प्रबंधन ने ट्रॉमा सेंटर और इमरजेंसी के संचालन के लिए स्वास्थ्य विभाग को मैन पावर की सूची भेज दी है. सूची के आधार पर विभाग कर्मचारियों का रोस्टर क्लियरिंग कर रिम्स को भेज देगा. इसके बाद रिम्स प्रबंधन नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करेगा. जानकारी के अनुसार ट्रॉमा सेंटर के संचालन में 100 से ज्यादा कर्मचारियों की आवश्यकता है, जिसमें डॉक्टर नर्स वह पारा मेडिकल स्टाफ शामिल हैं.
ट्राॅमा सेंटर को हैंड ओवर करने के लिए 15 नवंबर तक का समय दिया गया है. इसके बाद इमरजेंसी और ट्राॅमा सेंटर के संचालन की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. इस बीच मैन पावर की कमी को पूरा कर लिया जायेगा. उपकरणों की खरीदारी कर ली जायेगी.
डॉ आरके श्रीवास्तव, निदेशक, रिम्स
सीटीवीएस के ओपीडी में 1934 को मिला परामर्श
रांची : रिम्स स्थित सुपरस्पेशलिटी विंग के कार्डियो थोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी (सिटीवीएस) विभाग में इस साल 1934 मरीजों को ओपीडी में परामर्श मिला है. वहीं, 39 मरीजों की छोटी सर्जरी की गयी है. इसमें छाती में चोट व धमनियों को दुरुस्त किया गया. सीटीवीएस के विभागाध्यक्ष डॉ अंशुल कुमार ने बताया कि में मरीजों को परामर्श देने के साथ-साथ छोटी सर्जरी की जा रही है. इसमें वैस्कुलर सर्जरी शामिल है.
इधर, हार्ट सर्जरी को शुरू करने का प्रयास तेज हो गये हैं. मॉड्यूलर ओटी तैयार हो गया है. उपकरणों को खरीद की प्रक्रिया भी जारी है. सितंबर तक मशीनों की खरीदारी कर ली जाएगी. वहीं, मैन पावर को भी नियुक्त कर ली जायेगी. उम्मीद है कि अक्तूबर से हार्ट सर्जरी शुरू हो जायेगी.

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