विदेशी पैसे लेनेवालों को धर्मांतरण बिल से कठिनाई : फूलचंद तिर्की

रांची : आदिवासी सरना समिति हरातू की बैठक में मुख्य अतिथि केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने कहा कि झारखंड धर्म स्वातंत्र्य बिल 2017 से उन्हें कठिनाई हो रही है, जो विदेशी पैसों से पलते हैं और राष्ट्र विरोधी कार्यों में लिप्त है़ं ऐसे लोगों को पहचानने की जरूरत है. विशिष्ट अतिथि आदिवासी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 27, 2017 12:43 AM

रांची : आदिवासी सरना समिति हरातू की बैठक में मुख्य अतिथि केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने कहा कि झारखंड धर्म स्वातंत्र्य बिल 2017 से उन्हें कठिनाई हो रही है, जो विदेशी पैसों से पलते हैं और राष्ट्र विरोधी कार्यों में लिप्त है़ं ऐसे लोगों को पहचानने की जरूरत है. विशिष्ट अतिथि आदिवासी सरना विकास समिति धुर्वा के अध्यक्ष मेघा उरांव ने कहा कि धर्मांतरण का कार्य आजादी के पहले से ही जारी है. सीधे-सादे आदिवासी समाज को गुमराह कर धर्मांतरण कराया जाता है. इसके सैकड़ों उदाहरण है़ं. बैठक में मौजूद केंद्रीय सरना समिति के पदाधिकारी.

संताल में आदिवासी तेजी से अपना रहे ईसाई धर्म : निर्मल टुडू
निर्मल टुडू ने कहा कि संताल परगना में आदिवासी तेजी से अपना मूल धर्म छोड़ कर ईसाई धर्म अपना रहे हैं. इससे मालपहाड़िया जैसी जनजातियां लुप्त होने की कगार पर हैं. मांझीथान, जाहेरथान का अस्तित्व खतरे में है़ बैठक की अध्यक्षता मुखिया पंचमी देवी व बजरंग लोहरा ने की़ यह बैठक ढेलुवा खूंटा गांव में हुई़ इसमें ज्ञान रंजन बेदिया, मनोज बेदिया, बिरसा बेदिया, सुरेश बेदिया, बलराम बेदिया, पड़हा राजा श्याम सुंदर, राम कुमार, फागू मुंडा सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे.
जनजातीय समाज को निगलना चाहता है ईसाई संगठन : डॉ सुमन
रांची. हिंदू जागरण मंच के क्षेत्रीय सह संगठन मंत्री सह संघ प्रचारक डॉ सुमन ने कहा कि पिछले दिनों दुमका में ईसाई संगठनों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. सड़क पर उतर गये. धर्म स्वतंत्र कानून के खिलाफ नारेबाजी की. इस विधेयक का राज्य भर की ईसाई मिशनरियां विरोध कर रही हैं. इन्हें झारखंड को ईसाई लैंड बनाने की साजिश विफल होती दिख रही है. स्वतंत्र भारत में सीधे-साधे जनजातीय समुदाय का समूल खत्म करने के लिए धर्मांतरण को किसी भी सूरत में हिंदू जागरण मंच सफल होने नहीं देगा.
विरोध का तो साफ मतलब प्रतीत हो रहा है कि ईसाई संगठन और इससे संबंधित लोग जनजातीय समाज के अस्तित्व को पूरी तरह निगलना चाहते हैं. जनजातीय सरना समाज सनातन हिंदू समाज का अटूट हिस्सा प्राचीन काल से ही रहा है. इसे हम किसी कीमत पर टूटने नहीं देंगे. राज्य भर में धर्म स्वतंत्र का विरोध सीधा-सीधा जनजातीय समाज के खिलाफ चल रहे अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्रों का हिस्सा है.

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