17,572 शिक्षकों की बहाली का रास्ता साफ, झारखंड हाइकोर्ट ने दी बड़ी राहत
रांची: 17572 हाइस्कूल शिक्षकों की बहाली से संबंधित मामले में राज्य सरकार को झारखंड हाइकोर्ट से राहत मिल गयी है. सरकार अब शिक्षक बहाली प्रक्रिया शुरू कर सकती है. राज्य सरकार की अपील याचिका को स्वीकार करते हुए हाइकोर्ट ने एकलपीठ के आदेश पर रोक लगा दी है. एकल पीठ ने शिक्षक नियुक्ति के लिए […]
रांची: 17572 हाइस्कूल शिक्षकों की बहाली से संबंधित मामले में राज्य सरकार को झारखंड हाइकोर्ट से राहत मिल गयी है. सरकार अब शिक्षक बहाली प्रक्रिया शुरू कर सकती है.
राज्य सरकार की अपील याचिका को स्वीकार करते हुए हाइकोर्ट ने एकलपीठ के आदेश पर रोक लगा दी है. एकल पीठ ने शिक्षक नियुक्ति के लिए निकाले गये विज्ञापन को निरस्त करते हुए फिर से बहाली प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया था. एकलपीठ के इस आदेश के खिलाफ राज्य सरकार ने झारखंड हाइकोर्ट में अपील याचिका दायर की थी.
साथ ही एकलपीठ के आदेश को निरस्त करने का आग्रह किया था. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल व जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की खंडपीठ ने सोमवार को मामले की सुनवाई के बाद एकलपीठ के आदेश पर रोक लगा दी. सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए अपर महाधिवक्ता अजीत कुमार ने कहा कि सरकार को नीति बनाने का अधिकार है.
शिक्षकों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए भौतिकी व गणित समेत अलग-अलग विषयों की बाध्यता को अनिवार्य किया है. यह किसी प्रकार से गलत नहीं है. सरकार की नीति में हस्तक्षेप करने की लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है.
एकल पीठ ने विज्ञापन को किया था रद्द : झारखंड हाइकोर्ट की एकलपीठ ने मई में सरकार की ओर से शिक्षक बहाली के लिए निकाले गये विज्ञापन को रद्द कर दिया था. साथ ही नये सिरे से बहाली प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया था. हरि शर्मा व अन्य ने याचिका दायर कर शिक्षक बहाली के लिए निकाले गये विज्ञापन को चुनौती दी थी. साथ ही इसे रद्द करने का आग्रह किया था. याचिका में भौतिकी के साथ गणित, जीव विज्ञान के साथ रसायनशास्त्र की विषयवार बाध्यता को गलत बताया गया था. कहा गया था कि विषयवार बाध्यता की वजह से हजारों छात्र आवेदन नहीं कर पा रहे हैं. स्नातक की पढ़ाई में इस प्रकार की विषयवार बाध्यता नहीं है. सीधे नियुक्ति प्रक्रिया में इस प्रकार की विषयवार बाध्यता करना अनुचित है. मामले की सुनवाई के बाद एकलपीठ ने सरकार के विषयवार बाध्यता को गलत ठहराते हुए शिक्षक बहाली के लिए निकाले गये विज्ञापन को निरस्त कर दिया था. कहा था कि सरकार की विषयवार बाध्यता तर्कसंगत नहीं है.
