झारखंड में चल रहे अवैध ब्लड बैंकों को बंद करायें : हाइकोर्ट

रांची: राष्ट्रीय ब्लड नीति को झारखंड में प्रभावी बनाने काे लेकर दायर जनहित याचिका पर मंगलवार को झारखंड हाइकोर्ट ने सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस अपरेश कुमार सिंह और जस्टिस बीबी मंगलमूर्ति की खंडपीठ ने झारखंड में ब्लड नीति को लेकर उठाये गये कदमों की जानकारी देने का निर्देश दिया. खंडपीठ ने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 5, 2017 6:55 AM
रांची: राष्ट्रीय ब्लड नीति को झारखंड में प्रभावी बनाने काे लेकर दायर जनहित याचिका पर मंगलवार को झारखंड हाइकोर्ट ने सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस अपरेश कुमार सिंह और जस्टिस बीबी मंगलमूर्ति की खंडपीठ ने झारखंड में ब्लड नीति को लेकर उठाये गये कदमों की जानकारी देने का निर्देश दिया. खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा कि राज्य में चल रहे ब्लड बैंकों के पास लाइसेंस है या नहीं? ब्लड बैंक गाइड लाइन का अनुपालन कर रहे हैं या नहीं? इन चीजों को देखें आैर अवैध रूप से संचालित ब्लड बैंकों को बंद करायें.
खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा कि ‘ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940’ में संशोधन का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया था, उसकी क्या स्थिति है. सरकार को विस्तृत रूप से अद्यतन स्थिति की जानकारी देने का निर्देश दिया गया. इसके लिए खंडपीठ ने राज्य सरकार को चार सप्ताह का समय दिया. मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह के बाद होगी. इससे पूर्व राज्य सरकार की अोर से अधिवक्ता अरविंद कुमार ने पक्ष रखते हुए माैखिक रूप से खंडपीठ को जानकारी दी.

खंडपीठ ने लिखित रूप से जवाब दाखिल करने को कहा. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी अतुल गेरा ने जनहित याचिका दायर कर राष्ट्रीय ब्लड नीति को झारखंड में प्रभावी बनाने की मांग की है.

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