रांची जेल में बनेगा कैदियों के लिए सेंट्रल अस्पताल

रांची : बिरसा मुंंडा केंद्रीय कारा होटवार, रांची में राज्य भर के कैदियों के लिए सेंट्रल अस्पताल बनेगा, इसका प्रस्ताव स्वास्थ्य विभाग को भेज दिया गया है़ . रांची के केंद्रीय कारा स्थित अस्पताल को अत्याधुनिक बना कर उसमें राज्य भर के कैदियों का इलाज किया जायेगा़ राज्य के विभिन्न मेडिकल कॉलेज की तर्ज पर […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 24, 2017 7:39 AM
रांची : बिरसा मुंंडा केंद्रीय कारा होटवार, रांची में राज्य भर के कैदियों के लिए सेंट्रल अस्पताल बनेगा, इसका प्रस्ताव स्वास्थ्य विभाग को भेज दिया गया है़ . रांची के केंद्रीय कारा स्थित अस्पताल को अत्याधुनिक बना कर उसमें राज्य भर के कैदियों का इलाज किया जायेगा़ राज्य के विभिन्न मेडिकल कॉलेज की तर्ज पर यह अस्पताल बनाया जायेगा और उसे सारी सुविधाओं से लैस किया जायेगा. स्वास्थ्य सचिव को निदेशक प्रमुख की देखरेख में एक तकनीकी टीम जेल भेज कर अस्पताल का मुआयना करने का अनुरोध कारा विभाग द्वारा किया गया है़.
50 बेड का अस्पताल है निर्माणाधीन : रांची जेल में वर्तमान में 200 बेड का अस्पताल है, जबकि 50 बेड का अस्पताल निर्माणाधीन है़ अस्पताल में पांच चिकित्सक और कुछ पारा मेडिकल स्टाफ कैदियों के इलाज के लिए हैं.
चार विशेषज्ञ तथा आठ सामान्य चिकित्सक, पारा मेडिकल व अन्य स्टॉफ की होगी नियुक्ति : विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रांची जेल के केंद्रीय अस्पताल के लिए चार विशेषज्ञ चिकित्सक की नियुक्ति होगी. स्त्री रोग विशेषज्ञ, नेत्र रोग विशेषज्ञ, कॉर्डियोलॉजिस्ट व आर्थोपेडिक के चार विशेषज्ञ चिकित्सक होंगे. आठ सामान्य चिकित्सकों की नियुक्ति होगी, क्योंकि कुल 13 चिकित्सकों की आवश्यकता है़ पारा मेडिकल स्टॉफ के लिए भी अतिरिक्त पद सृजित किये गये हैं. जिसमें आठ नर्सिंग अर्दली, चार फार्मासिस्ट, दो एक्सरे टेक्निसियन, एक लैब टेक्निसियन, चार ड्रेसर व चार कंपाउंडर की नियुक्ति की जानी है़ सभी नियुक्ति संविदा पर होगी.
अत्याधुनिक एक्सरे, अल्ट्रासाउंड तथा डेंटल यूनिट की होगी व्यवस्था: जेल के केंद्रीय अस्पताल में अत्याधुनिक एक्सरे व अल्ट्रासाउंड तथा डेंटल यूनिट की व्यवस्था की जायेगी़ सूत्र बताते हैं कि केंद्रीय अस्पताल बन जाने से राज्य भर के कैदियों को राज्य के बाहर इलाज कराने के लिए नहीं भेजना पड़ेगा़ इससे राज्य सरकार के राजस्व की काफी बचत होगी़ अति गंभीर मरीज जिनका इलाज जेल के केंद्रीय अस्तपाल में नहीं हो सकेगा, उसे ही एम्स या राज्य के अन्य अस्पताल में भेजा जायेगा़

Next Article

Exit mobile version