हाथियों के खौफ से रामगढ़-बोकारो सीमावर्ती क्षेत्र के लोग सहमे
हाथियों के खौफ से रामगढ़-बोकारो सीमावर्ती क्षेत्र के लोग सहमे
घाटोटांड़. रामगढ़ जिला के मांडू प्रखंड व सीमावर्ती बोकारो जिला के गोमिया प्रखंड क्षेत्र में हाथियों का आतंक है. 16 दिसंबर को वेस्ट बोकारो ओपी क्षेत्र के आरा चार नंबर, सारुबेड़ा में हाथी ने कुछ लोगों को कुचल कर मार दिया है. घटना के बाद पूरे इलाके में दहशत है. घटना के बाद स्थिति यह है कि जंगल से सटे गांवों के लोग अब दिन के उजाले में भी घर से बाहर निकलने से डर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि हाथियों का झुंड लगातार जंगल से सटे गांव व आस -पास विचरण कर रहा है. इससे हर वक्त जान का खतरा बना हुआ है. महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग सहमे हैं. खेतों में कामकाज लगभग बंद हो गया है. हाथियों की मौजूदगी का सबसे ज्यादा असर आवागमन पर पड़ा है. घाटो से सारुबेड़ा जंगल होते हुए चैनपुर जाने वाला टाटा स्टील द्वारा बना शॉर्ट मार्ग घटना के बाद पूरी तरह सुनसान हो गया है. पहले लोग इस रास्ते से बाइक और अन्य दोपहिया वाहनों से आसानी से चैनपुर आना-जाना करते थे. इसी जंगल क्षेत्र में हाथियों के सक्रिय होने की सूचना के बाद लोग इस मार्ग का उपयोग करने से बच रहे हैं. वन विभाग की टीम हाथियों की गतिविधियों पर नजर बनाये हुए है. हाथियों के गांव के आस पास के जंगल अथवा सड़क के किनारे के इलाकों में विचरण करने के कारण खतरा बना हुआ है. दहशत में ठहरा जनजीवन : इस घटना से करीब एक पखवारा पूर्व गोमिया प्रखंड के तिलैया में हाथियों द्वारा दो लोगों को कुचल कर मार दिया गया था. लगातार हो रही घटनाओं और हाथियों की मौजूदगी की खबरों से पूरे क्षेत्र में भय है. ग्रामीणों ने प्रशासन और वन विभाग से हाथियों को सुरक्षित तरीके से जंगल की ओर खदेड़ने के लिए ठोस व्यवस्था करने की मांग की है. हाथी कॉरिडोर को चिन्हित कर इलाके को सुरक्षित किया जाए. तथा प्रभावित गांवों में सुरक्षा के स्थायी व्यवस्था विकसित की जाए.साथ ही जान–माल के नुकसान की भरपाई और पीड़ित परिवारों को तत्काल राहत देने की भी मांग उठ रही है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
