इन खदानों पर कोयला तस्करों की हमेशा रहती है नजर
जहां घटना घटी, ठीक उसके बगल के महुआटुंगरी में दर्जनों भर की संख्या में अवैध मुहाने हैं.
फोटो फ़ाइल संख्या 6 कुजू: वार्ता में शामिल लोग, 6 कुजू ए: सभी मृतकों का फाइल फोटो, 6 कुजू बी: घटना से सहमे लोग, 6 कुजू सी: रोती बिलखती इम्तियाज के छोटे-छोटे बच्चे एवं अन्य, 6 कुजू डी: जांच करने पहुंचे अधिकारी कुजू. जहां घटना घटी, ठीक उसके बगल के महुआटुंगरी में दर्जनों भर की संख्या में अवैध मुहाने हैं. इन मुहानों में कोयला तस्कर निर्बाध रूप से कोयला का उत्खनन कर रहे हैं. उसके साथ-साथ इन तस्करों की नजर हमेशा खदान के बॉर्डर वाले एरिया के सीम में होती है. जैसे ही उन्हें मौका मिलता है वे सेटिंग कर मजदूरों के सहारे कोयले को बाहर निकाल कर ट्रकों के जरिये आस-पास कई फैक्ट्री, गोल भट्ठा, बिहार, यूपी की मंडियों में खपाने का काम करते हैं. अभी जहां घटना घटी है, वहां प्रबंधन ने बारिश को लेकर कोयला निकालने का कार्य फिलहाल बंद कर रखा था. कहीं इन्हीं तस्करों ने तो मजदूरों को काम पर लगा तो नहीं रखा था. क्योंकि घटना के बाद से उन्ही तस्करों के सूत्रधारों की चहलकदमी काफी बढ़ गयी है. साथ ही उन्हे यह डर भी सता रहा है. अधिकारियों की जांच में कहीं उनकी संलिप्ता उजागर ना हो जाये. सुरक्षा कर्मियों ने पत्रकारों को फोटो लेने से रोका घटना के दूसरे दिन अधिकारियों की टीम खनन स्थल पर जांच करने के लिए पहुंचे थे. जांच टीम में सीसीएल के डीएमएस अजीत सिंह, डीडीएमएस हेमंत राव, स्थानीय प्रबंधन के साथ शामिल थे. जांच के क्रम में पत्रकारों ने जब खनन स्थल पर जांच टीम अधिकारियों की तस्वीर लेनी चाही, तो परियोजना के सुरक्षा विभाग के कर्मियों ने करीब 300 मीटर की दूरी पर ही रोक दिया. साथ ही फोटो लेने से मना कर दिया. सुरक्षा के दृष्टिकोण से अधिकारियों ने दिये कई आदेश घटना के बाबत जांच करने पहुंचे सीसीएल के डीएमएस अजीत सिंह व डीडीएमएस हेमंत राव ने मौजूद अधिकारियों को कई आवश्यक दिशा निर्देश दिया. कहा कि खदान की सुरक्षा की दृष्टि कौन से सर्वप्रथम चहारदीवारी का निर्माण, तार से घेराबंदी, अनाधिकृत रूप से लोग घुसे नहीं इसके लिए जगह-जगह बोर्ड लगाने, बंद खान को मिट्टी से ढंक कर रखने, लाउडस्पीकर के जरिये जागरूकता फैलाना बेहद जरूरी है. क्योंकि कर्मियों को खान के अंदर काम कैसे करना है इसकी जानकारी दी जाती है. लेकिन आम व्यक्ति को इसकी पता नहीं होता और इस तरह के घटना शिकार हो जाते हैं. मौके पर महाप्रबंधक आरके सिन्हा, एसो माईनिंग एके सिंह, सेफ्टी ऑफिसर एसके सिन्हा, पीओ रामेश्वर मुंडा, मैनेजर संजय कुमार सिंह, एरिया ऑफिसर राजू रविदास, वर्कमैन रामरतन सिंह, सर्वेवेयर एसके सिंह, मजदूर नेता देवेंद्र शर्मा आदि उपस्थित थे. करमा कोयला खान की घटना के लिए राज्य सरकार दोषी: मनोज आजसू के केंद्रीय सचिव मनोज कुमार महतो ने सीसीएल करमा परियोजना के खुली खदान में घटित घटना के निंदा की है. जबकि आश्रित परिवार के प्रति शोक संवेदना प्रकट करते हुए घटना के लिए राज्य सरकार को दोषी ठहराया है. कहा है कि रामगढ़ जिले के अंतर्गत सीसीएल के बंद पड़े कोयला खदानो से कोयले का अवैध उत्खनन का कार्य धड़ल्ले से जारी है. कोयला कारोबारी मोटी रकम कमा रहे हैं. लेकिन इसमें अवैध उत्खनन का कार्य कर रहे मजदूरों का जान हमेशा खतरे में रहता है. जिस पर राज्य सरकार से लेकर जिला प्रशासन व सीसीएल अधिकारी को ध्यान नहीं है. कहीं ना कहीं यह सारा खेल राज्य सरकार के इशारे पर फल फूल रहा है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
