सजाया गया मां छिन्नमस्तिके मंदिर

आकर्षण का केंद्र है 20 फीट का शिवलिंग, मंदिरों का हुआ रंग-रोगन कांवरियों का जत्था जायेगा देवघर रजरप्पा/गोला : गुरु पूर्णिमा को लेकर मंगलवार को रजरप्पा स्थित मां छिन्नमस्तिके देवी के मुख्य मंदिर को कोलकाता के फूलों से सजाया गया है. इसके कारण मंदिर का दृश्य आकर्षक व मनमोहक लग रहा है. इस अवसर पर […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 17, 2019 1:52 AM

आकर्षण का केंद्र है 20 फीट का शिवलिंग, मंदिरों का हुआ रंग-रोगन

कांवरियों का जत्था जायेगा देवघर
रजरप्पा/गोला : गुरु पूर्णिमा को लेकर मंगलवार को रजरप्पा स्थित मां छिन्नमस्तिके देवी के मुख्य मंदिर को कोलकाता के फूलों से सजाया गया है. इसके कारण मंदिर का दृश्य आकर्षक व मनमोहक लग रहा है. इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु माता के दरबार पहुंचे और मां भगवती का दर्शन किया.
पूर्णिमा को लेकर राज्य व दूसरे राज्यों से हजारों लोग सुबह से ही मंदिर पहुंचने लगे थे. पट खुलते ही लोगों की तांता लग गया. भक्तों ने पूजा-अर्चना कर मत्था टेका. श्रद्धालुओं की भीड़ से यहां चहल-पहल बनी रही. पूर्णिमा को लेकर यहां भंडारा का आयोजन किया गया.
सावन की तैयारी पूरी : रजरप्पा मंदिर में सावन की तैयारी पूरी कर ली गयी है. मंदिर की साफ-सफाई की गयी. रजरप्पा में सावन के पहले दिन बड़ी संख्या में कांवरियां पहुंचेंगे और यहां स्थापित 20 फीट के शिवलिंग पर जलाभिषेक कर पूजा-अर्चना करेंगे. कई कांवरियां यहां से पूजा-अर्चना कर बाबाधाम जायेंगे. कांवरियों का कई जत्था बाबाधाम में जलाभिषेक कर रजरप्पा पहुंचते हैं. इस संदर्भ में मंदिर के पुजारी असीम पंडा, लोकेश पंडा ने बताया कि सावन को लेकर न्यास समिति द्वारा कांवरियों को विशेष सुविधा दी जायेगी. इन्हें ठहरने के लिए बिड़ला धर्मशाला व बड़ा मंडप दिया जायेगा.
पानी, बिजली की भी व्यवस्था की गयी है. उन्होंने बताया कि सावन के शुक्ल पक्ष में रामायण पाठ किया जायेगा. अंतिम सोमवारी के दिन न्यास समिति द्वारा यहां पहुंचने वाले कांवरियों व श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण किया जायेगा. सावन को लेकर रजरप्पा कोयलांचल क्षेत्र के चितरपुर, गोला, छत्तर मांडू, मगनपुर, बूढ़ा छत्तर धाम, झरना बाबा सहित कई शिव मंदिरों की साफ-सफाई कर रंग-रोगन किया गया है. कई मंदिरों को विद्युत सज्जा से सजाया गया है. सावन के पहले दिन से ही श्रद्धालुअों द्वारा यहां जलाभिषेक किया जायेगा.
अंतिम सोमवारी को निकलती है कांवर यात्रा : अंतिम सोमवारी के दिन रजरप्पा मंदिर से रामगढ़ के सिद्धेश्वर धाम तक कांवर यात्रा का आयोजन किया जाता है. यहां रजरप्पा स्थित भैरवी-दामोदर संगम स्थल से जल उठा कर श्रद्धालु विभिन्न शिव मंदिरों में जलाभिषेक करते हैं. प्रति वर्ष कांवर यात्रा में लगभग एक लाख कांवरियां शामिल होते हैं.

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