पलामू में धीमी गति से चल रहा है आयुष्मान कार्ड बनाने का कार्य
सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत कार्ड पलामू में दम तोड़ रही है.

मेदिनीनगर. सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत कार्ड पलामू में दम तोड़ रही है. वर्ष 2023 में पलामू जिले को 19 लाख सात हजार 492 व्यक्तियों का आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य सरकार ने निर्धारित किया था. इस लक्ष्य के विरुद्ध पलामू में दो वर्ष में सिर्फ आठ लाख 67 हजार 621 लोगों का आयुष्मान कार्ड बन पाया है. इस तरह पलामू जिले में इस योजना के लक्ष्य के विरुद्ध अब तक सिर्फ 45 प्रतिशत उपलब्धि हासिल हुई है. स्वास्थ्य विभाग के रिपोर्ट के मुताबिक पलामू जिले में आयुष्मान भारत योजना का कार्ड बनाने का कार्य धीमी गति से चल रहा है. स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी व कर्मचारी इस मामले में अलग राग अलापते हैं. सिविल सर्जन डा अनिल कुमार सिंह का कहना है कि आयुष्मान कार्ड बनाने को लेकर विभाग गंभीर है. लेकिन इसे लेकर समय-समय पर गांवों में कैंप लगाया जाता है. स्वास्थ्य सहिया को इस कार्य की जिम्मेवारी दी गयी है. ताकि लोगों को जागरूक कर आयुष्मान कार्ड बनाने की दिशा में काम हो सके. सीएस ने बताया कि आयुष्मान कार्ड बनाने के दौरान कई तरह की तकनीकी परेशानियां उत्पन्न हो रही हैं. अक्सर यह मामला सामने आता है कि जिस व्यक्ति का आयुष्मान कार्ड बनाना है, उसका राशन कार्ड व आधार कार्ड में नाम में भिन्नता आ जाती है. इतना ही कई लोगों का आधार कार्ड से मोबाइल नंबर लिंक नहीं है. इस वजह से मोबाइल पर ओटीपी नही आ पाता. आधार कार्ड से मोबाइल नंबर को लिंक कराने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है. आंगनबाड़ी सेविका व स्वास्थ्य साहिया लोगों को जागरूक करने में सक्रिय है. 70 वर्ष के अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को बगैर राशन कार्ड के ही आयुष्यमान भारत योजना का कार्ड बनाया जा रहा है. नोडल प्रभारी डॉ प्रेमचंद ने बताया कि लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रयास जारी है. आयुष्यमान कार्ड बनाने की प्रक्रिया निरंतर चल रही है. सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, पंचायत भवन व प्रज्ञा केंद्र में निशुल्क यह कार्ड बनाया जा रहा है. तकनीकी अड़चनों को दूर करने का प्रयास हो रहा है. जानकारी के मुताबिक सरकार ने सभी राशन कार्डधारकों के परिवार के सदस्यों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ देना चाहती है. इसी उद्देश्य से उनका आयुष्मान कार्ड बनाया जा रहा है. इस योजना के तहत प्रत्येक राशन कार्डधारक या उनके परिवार के सदस्य प्रतिवर्ष पांच लाख रुपये तक इलाज करा सकते हैं. आयुष्मान भारत योजना से जुड़े अस्पतालों में ही इस कार्ड के आधार पर उनका इलाज निशुल्क होगा.
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