मोहम्मदगंज में उपजाया जा रहा थाईलैंड का अमरूद

प्रखंड का आशिक नगर करडंडा गांव की अधिकांश आबादी खेती-किसानी कर परिवार का जीवन यापन करती है.

By SATYAPRAKASH PATHAK | April 29, 2025 9:13 PM
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मोहम्मदगंज. प्रखंड का आशिक नगर करडंडा गांव की अधिकांश आबादी खेती-किसानी कर परिवार का जीवन यापन करती है. इस गांव के किसान मुन्ना मेहता व आकाश मेहता ने कृषि के क्षेत्र में खास मुकाम हासिल कर लिया है. खेती में नाम कमाने के साथ अपनी आर्थिक स्थिति भी मजबूत कर ली है. मुन्ना मेहता व आकाश मेहता सगे भाई हैं. इनके परिवार में कुल चार सदस्य हैं. तीन एकड़ भूमि में इनकी मौसमी फसल के बाद सब्जियों की भी खेती होती है. जिसमें इस वर्ष से एक एकड़ में तीन सौ अमरूद के पौधे लगे हैं, जो थाईलैंड के बताये गये हैं. थाईलैंड अमरूद की विशेषता है कि पौधे में प्रत्येक पत्ते के साथ अमरूद का फल उगता है. इनके खेतों में पौधों के बढ़ने के साथ यह प्रक्रिया शुरू हो गयी है. अब तक चार बार शुरुआती पत्तों के साथ लगे फलों को नष्ट किया गया है. ऐसा कुछ माह में लगने वाले अमरूद के फल को पुष्ट व पौष्टिक बनाने के लिए किया जा रहा है. किसानों ने बताया की खेती की दुनिया में रमने के कारण थाईलैंड अमरूद फल की खेती के बारे में जानकारी मिली. हरिहरगंज व चियांकी कृषि केंद्र से भी जानकारी मिली है. अच्छी खेती, अच्छा पैदावार व कम लागत से ज्यादा मुनाफा थाईलैंड की अमरूद की खेती से होती है. प्रति पौधा 250 की दर से 300 पौधे ऑनलाइन मंगाये. अब तक इसकी खेती में कुल एक लाख से अधिक की पूंजी दांव में लगी है. किसान उम्मीद के सहारे ही खेती कर जीते हैं. किसान अब इस उम्मीद में अहले सुबह से शाम तक खेतों में अधिकांश समय बिता रहे हैं. कुछ कृषि यंत्र भी खरीदे हैं. सरकारी सहायता से दूर इस किसान परिवार की खेती से अब पलामू जिला का नाम रोशन होने की उम्मीद जगी है. सालों भर इनकी सब्जियों की पैदावार होती है, जो मोहम्मदगंज के अलावा हुसैनाबाद, हैदरनगर के बाजारों में उपलब्ध बेची जाती है. अब थाईलैंड का मशहूर अमरूद इस वर्ष के अंत तक उपलब्ध होगा, जिसके उत्पादन के लिए किसान का पूरा परिवार खेतों में पसीना बहा रहा है.

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