सुलतानी घाटी से निकाले गये लाखों मिट्रिक टन पत्थर गायब

सड़क निर्माण के दौरान पहाड़ों को काटकर निकाले गये थे पत्थर, सरकार को करोड़ों रुपये राजस्व का नुकसान

By Prabhat Khabar Print | May 26, 2024 9:24 PM

छतरपुर.

एनएच-98 फोरलेन सड़क बनाने वाली कंपनी शिवालया कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा सड़क निर्माण के दौरान कई पहाड़ों को काटकर लाखों मिट्रिक टन पत्थर निकाल लिया गया. इससे सरकार को करोड़ों रुपये राजस्व का नुकसान हुआ है. जानकारी के अनुसार छतरपुर के सिलदाग से बिहार बॉर्डर के संडा तक 34 किलोमीटर सड़क का निर्माण लगभग 1400 करोड़ की लागत से कराया जा रहा है. सड़क निर्माण के दौरान रैयतों से 150.19 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है. इसके एवज में रैयतों को मुआवजा के रूप में 338.67 करोड़ रुपये भुगतान किया गया. सड़क निर्माण के दौरान कंपनी द्वारा सुलतानी घाटी स्थित पहाड़ के अलावे भितिहा मोड़ के समीप एक पहाड़ व छतरपुर के चौखड़ा के पहाड़ को काटकर लाखों मिट्रिक टन पत्थर निकाल लिया गया अौर उस पत्थर को अवैध तरीके से चपरवार स्थित एक क्रशर प्लांट को बेच कर सरकार को राजस्व के रूप में मिलने वाला करोड़ों रुपये डकार लिया गया. सुलतानी घाटी में पहाड़ तोड़ कर काफी मात्रा में पत्थर को डंप किया गया था. लेकिन आज उक्त स्थान से पत्थर गायब है. राजस्व की चोरी किये जाने पर जिला खनन पदाधिकारी आनंद कुमार ने कार्रवाई करते हुए अवैध रूप से करमा कला में चलाये जा रहे क्रशर प्लांट को 19 जून 2022 को सील कर दिया था. वहीं दूसरी बार सुलतानी घाटी स्थित पहाड़ से निकले पत्थर को रात के अंधेरे में क्रशर प्लांट को बेचने के दौरान 27 अक्तूबर 2023 को पत्थर लदे हाइवा सहित अन्य उपकरण को जब्त कर कंपनी के विरुद्ध पिपरा थाना में मुकदमा दर्ज कराया था. इससे राजस्व की चोरी किये जाने के मामले की पुष्टि हुई. लेकिन सड़क निर्माण करा रही कंपनी द्वारा निकाले गये पत्थर को लगातार अवैध रूप से बाजार में बेचा जाता रहा. नाम नहीं छापने की शर्त पर कंपनी के एक कर्मी ने बताया कि सड़क निर्माण के दौरान निकाले गये पत्थर का उपयोग करने से पहले वन विभाग व खनन विभाग से एनओसी लेने के बाद पत्थर का उठाव करते समय वजन कर सरकार को राजस्व दिया जाता है, लेकिन कंपनी द्वारा ऐसा नहीं किया गया और रात के अंधेरे में पत्थर का उठाव कर बाजार में बेच दिया गया. इस तरह फोरलेन सड़क निर्माण के दौरान कई जगहों पर पहाड़ों से निकाले गये पत्थर गायब हो गये. पत्थर एनएचएआइ की प्रोपर्टी, उसे सुपुर्द कर दिया गयापहाड़ तोड़कर जो पत्थर निकाले गये थे, वह एनएचएआइ की प्रोपर्टी थी, इसलिए उसे एनएचएआइ के सुपुर्द कर दिया गया. इसके अलावा जो भी पत्थर है, वह साइड पर ही पड़ा हुआ है. उसका इस्तेमाल नहीं किया गया है. अंकित गोयल, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, शिवालया कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड

अगर पत्थर नहीं है, तो इसकी जांच करायी जायेगी

एक बार चोरी करने के दौरान कंपनी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया था. पहाड़ से निकाले गये पत्थर का अवलोकन कर नीलाम किया जाता है. एनएचएआइ रॉयल्टी देता है, अगर पत्थर नहीं है, तो इसकी जांच होगी.

आनंद कुमार, जिला खनन पदाधिकारी

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