एमएमसीएच में पोस्टमार्टम हाउस में सुविधा का अभाव, शव रखने की डिफ्रिजर नही

मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर में पोस्टमार्टम हाउस की स्थिति

By Akarsh Aniket | November 28, 2025 9:24 PM

मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर में पोस्टमार्टम हाउस की स्थिति

मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एमएमसीएच) परिसर में स्थित पोस्टमार्टम हाउस में सुविधाओं का घोर अभाव है. वर्षों से इस भवन में पोस्टमार्टम का कार्य किया जा रहा है, लेकिन 2019 में सदर अस्पताल से एमएमसीएच बनने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है. चिकित्सकों को कार्य करने में लगातार कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है क्योंकि शव रखने के लिए डिफ्रिजर की सुविधा उपलब्ध नहीं है.

लवारिश शवों की पहचान न होने पर उन्हें 72 घंटे तक सुरक्षित रखना आवश्यक होता है, लेकिन डिफ्रिजर न होने के कारण शवों को पोस्टमार्टम हाउस के बाहर छोड़ दिया जाता है. इससे बदबू फैलती है और आसपास रहने वाले लोग, मरीज तथा अस्पताल कर्मी परेशान होते हैं. इस दौरान अन्य शवों का पोस्टमार्टम करना भी चिकित्सकों के लिए चुनौतीपूर्ण हो जाता है.

पोस्टमार्टम हाउस के इंचार्ज चिकित्सक डॉ. एस.पी. गावस्कर ने भी इस व्यवस्था पर चिंता जतायी है. उनका कहना है कि उपलब्ध सीमित संसाधनों में ही काम करना पड़ रहा है, जबकि एक आधुनिक और सुविधाजनक पोस्टमार्टम हाउस होना चाहिए था.

एमएमसीएच परिसर में एएनएम प्रशिक्षण केंद्र के पास स्थित इस पोस्टमार्टम हाउस के बगल में वर्तमान में जीएनएम प्रशिक्षण केंद्र में ओपीडी संचालित है. बताया जाता है कि पोस्टमार्टम हाउस का जेनरेटर भी लंबे समय से खराब पड़ा हुआ है. गंदगी और अव्यवस्था के कारण शवों का पोस्टमार्टम करना चिकित्सकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. जानकारों की मानें तो पोस्टमार्टम हाउस एसी युक्त होना चाहिए और शव रखने के लिए डिफ्रिजर होना चाहिए. लेकिन सुविधा के नाम पर कुछ भी नही है. एमएमसीएच में डीएमएफडी फंड से लाखों रुपया का काम किया गया है. लेकिन उक्त कार्यों के लिए किसी तरह का ध्यान नहीं दिया जाता है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है