राजमोहन पोलू को सश्रम आजीवन कारावास

मेदिनीननगर जिला जज नंबर 2- संजय कुमार उपाध्याय की अदालत ने जमीन विवाद में हुए हत्या के मामले में चैनपुर के शाहपुर निवासी राजमोहन पोलू उर्फ राजामुनी राम को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. आरोपी राजमोहन पोलू पर अलग- अलग धाराओं में 10000 व 5000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है. अर्थदंड […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 24, 2017 10:23 AM

मेदिनीननगर जिला जज नंबर 2- संजय कुमार उपाध्याय की अदालत ने जमीन विवाद में हुए हत्या के मामले में चैनपुर के शाहपुर निवासी राजमोहन पोलू उर्फ राजामुनी राम को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. आरोपी राजमोहन पोलू पर अलग- अलग धाराओं में 10000 व 5000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है. अर्थदंड की राशि जमा नहीं करने पर आरोपी को अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी.

क्या था मामला

दो जनवरी 2016 का मामला है. इस मामले में सूचक चैनपुर के बुढीबीर निवासी जितेंद्र मिस्त्री ने चैनपुर थाने में आरोपी के विरुद्ध हत्या का नामजद प्राथमिकी दर्ज कराया था. दर्ज प्राथमिकी में यह कहा गया था कि आरोपी के घर के पास ही उसका पुत्र आलोक मिस्त्री उर्फ आलोक विश्वकर्मा अपनी पत्नी के साथ दो कमरे के मकान में रहता था.

जमीन विवाद को लेकर आरोपी राजमोहन पोलू ने उसके पुत्र आलोक को गोली मारकर हत्या कर दी थी. जमीन के मालिकाना हक होने के बावजूद आरोपी उस जमीन पर निर्माण नहीं दे रहा था. दो जनवरी 2016 को आलोक अपने कुछ मजदूरों के साथ चहारदीवारी निर्माण का कार्य करा रहा था. आरोपी ने इस पर आपत्ति दर्ज करायी थी. प्राथमिकी में कहा गया था कि आरोपी गाली- गलौज करने लगा और मारपीट करने पर उतारु हो गया. इसी बीच आरोपी राजमोहन पोलू अपने घर से दो नाली बंदूक लाया और उसके पुत्र आलोक मिस्त्री को सिर में गोली मार दी, जिससे घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गयी. इसी मामले में अदालत ने साक्ष्य व गवाहों के बयान और पुलिस अनुसंधान के आधार पर आरोपी को दोषी पाया और उसके विरुद्ध सजा सुनायी.

बिना एंबुलेंस के उप स्वास्थ्य केंद्र

एनएच 75 पर आये दिन दुर्घटनाएं होती है, लेकिन एंबुलेंस नहीं होने के कारण काफी परेशानी होती है.

सतबरवा. झारखंड सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने सतबरवा प्रखंड के स्वास्थ्य सेवा के लिए सतबरवा उप स्वास्थ्य केंद्र को 2016 में एक एंबुलेंस की व्यवस्था की थी, पर कुछ दिनों के बाद एंबुलेंस सतबरवा से गायब हो गया है. इस कारण यहां के लोगों को उसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. जबकि सतबरवा प्रखंड एन एच – 75 के किनारे अवस्थित है और आए दिन दुर्घटनाएं होती ही रहती है. ऐसी स्थिति में लोगों को अतिरिक्त आर्थिक बोझ भी उठाना पड़ता है तथा कभी-कभी वाहन के कमी होने के कारण लोगों को जान भी गंवानी पड़ती है. इस बारे में स्वास्थ्य कर्मियों से पूछा गया, तो कुछ भी बताने से इंकार कर गये. वहीं सतबरवा के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी पूनम सिन्हा से दूरभाष पर संपर्क करने का प्रयास किया गया, पर संपर्क नहीं हो सका.

सतबरवा का एंबुलेंस नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण : प्रमुख

प्रखंड प्रमुख प्रमिला देवी ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा सतबरवा के लोगों को स्वास्थ्य लाभ के लिए दिया गया एंबुलेंस सतबरवा का एंबुलेंस नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है. इस विषय में पलामू सीएस से बात की जायेगी तथा आगामी प्रखंड कार्यकारिणी समिति की बैठक में इस विषय को गंभीरता पूर्व से लिया जायेगा, ताकि सतबरवा का एंबुलेंस सतबरवा में हो और यहां की जनता को एंबुलेंस का लाभ नहीं मिल रहा है.

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