पंजा ने ध्वस्त किया था लाल गढ़ का किला अब कमल का राज, झामुमो का भी प्रभाव

मो परवेज, घाटशिला : घाटशिला विधानसभा क्षेत्र 1952 में अस्तित्व में आया. तब घाटशिला और बहरागोड़ा मिलाकर एक विधानसभा क्षेत्र होता था. 1962 में घाटशिला और बहरागोड़ा दो अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र बना. 1962 के विस चुनाव में सीपीआइ के बास्ता सोरेन घाटशिला के विधायक बने. 1967 के विस चुनाव में कांग्रेस के दशरथ मुर्मू विधायक […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 11, 2019 1:51 AM

मो परवेज, घाटशिला : घाटशिला विधानसभा क्षेत्र 1952 में अस्तित्व में आया. तब घाटशिला और बहरागोड़ा मिलाकर एक विधानसभा क्षेत्र होता था. 1962 में घाटशिला और बहरागोड़ा दो अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र बना. 1962 के विस चुनाव में सीपीआइ के बास्ता सोरेन घाटशिला के विधायक बने. 1967 के विस चुनाव में कांग्रेस के दशरथ मुर्मू विधायक बने थे.

1969 के चुनाव में झारखंड पार्टी के यदुनाथ बास्के विधायक बने. वे बिहार सरकार में मंत्री भी बने थे. इसके बाद 1972, 1977 और 1980 के विस चुनाव में सीपीआइ के टीकाराम मांझी ने लाल झंडा लहराया.
1985 के विस चुनाव में लाल दुर्ग को भेद कर कांग्रेस के करण चंद्र मार्डी ने चुनाव जीता. करण चंद्र मार्डी बिहार सरकार में मंत्री बने थे. 1990 के विस चुनाव में आजसू के सूर्य सिंह बेसरा विधायक बने. प्रदीप बलमुचु ने 1995, 2000, 2005 का विधानसभा चुनाव जीते. 2014 के विस चुनाव में भाजपा लक्षमण टुडू जीते.
तीन महत्वपूर्ण कार्य जो हुए
1. कई रोड-रास्ते, पुल-पुलिया बने
2. 72 किमी सड़क फोरलेन बना
3. केंदाडीह की खदान शुरू की गयी
तीन महत्वपूर्ण कार्य जो नहीं हो सके
1. जिला नहीं बन सका घाटशिला
2. धालभूमगढ़ एयरपोर्ट का निर्माण
3. कृषि महाविद्यालय का निर्माण नहीं
पिछले तीन चुनाव का रिकार्ड
2005
जीते : प्रदीप बलमुचु, कांग्रेस
प्राप्त मत : 50936
हारे : रामदास सोरेन (निर्दलीय)
प्राप्त मत : 34489
तीसरे स्थान : रामदास हांसदा (भाजपा) )
प्राप्त मत : 21352
2009
जीते : रामदास सोरेन, झामुमो
प्राप्त मत : 38283
हारे : प्रदीप बलमुचु
प्राप्त मत : 37001
तीसरे स्थान : सूरज सिंह बेसरा, भाजपा
प्राप्त मत : 28561
2014
जीते : लक्षमण टुडू, भाजपा
प्राप्त मत : 52502
हारे : रामदास सोरेन, झामुमो
प्राप्त मत : 40103
तीसरे स्थान : सिंड्रेला बलमुचु, कांग्रेस
प्राप्त मत : 36672

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