गर्मी में रंग-बिरंगे पेय पर भारी पड़ रहा गन्ने का रस

पाकुड़िया. चिलचिलाती 43 डिग्री धूप और असहनीय गर्मी में ठंडा पेय हर किसी की पहली पसंद बन गया है.

By SANU KUMAR DUTTA | April 26, 2025 6:16 PM

पाकुड़िया. चिलचिलाती 43 डिग्री धूप और असहनीय गर्मी में ठंडा पेय हर किसी की पहली पसंद बन गया है. पाकुड़िया के तालवा, बाजार, गनपुरा, बन्नोंग्राम इलाकों में रंग-बिरंगी बोतलों में बिकने वाले शीतल पेय का बोलबाला है. हर उम्र के लोग गर्मी से चंद क्षणों की राहत पाने के लिए इन पेयों की ओर आकर्षित हो रहे हैं. भले ही इसके संभावित नुकसान को नजरअंदाज कर रहे हों. इस बीच, प्रकृति प्रदत्त गन्ने के रस की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है. गांवों और बाजारों में पेयजल की किल्लत और बोतलबंद पेयों की ऊंची कीमतों के बीच अब लोग हानि रहित इस प्राकृतिक जूस की ओर तेजी से आकर्षित हो रहे हैं. डॉ मंजर आलम ने बताया कि गन्ने का रस पाचन शक्ति और प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करता है. साथ ही जोंडिस, यकृत रोग और दांतों के लिए लाभकारी है. यह खराब कोलेस्ट्रॉल को भी कम करने में मदद करता है. गन्ने के रस में कैलोरी, प्रोटीन, विटामिन बी, विटामिन सी, फाइबर और नेचुरल शुगर भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं. इसके सेवन से किडनी को भी लाभ पहुंचता है और रक्त में शर्करा का स्तर स्थिर रहता है.

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