पाकड़ रेलवे स्टेशन पर लगे स्वचालित सीढ़ी व लिफ्ट पड़े हैं बंद
पाकुड़. हावड़ा डिविजन को करोड़ों रुपये का राजस्व देने वाला पाकुड़ रेलवे स्टेशन आज भी बुनियादी सुविधाओं से जूझ रहा है.
पाकुड़. हावड़ा डिविजन को करोड़ों रुपये का राजस्व देने वाला पाकुड़ रेलवे स्टेशन आज भी बुनियादी सुविधाओं से जूझ रहा है. आधुनिकीकरण के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए, लेकिन सुविधाओं के लिए लगाए गए उपकरण यात्रियों के किसी काम नहीं आ रहे हैं. नतीजतन, यात्रियों में गहरी नाराजगी देखी जा रही है. स्टेशन पर लगाए गए स्वचालित सीढ़ी एस्केलेटर और लिफ्ट अक्सर बंद मिलते हैं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ती है. यात्रियों को भारी सामान लेकर फुट ओवर ब्रिज का इस्तेमाल करना पड़ता है, जो बुजुर्गों, दिव्यांगों और बीमार यात्रियों के लिए बड़ी चुनौती बन जाती है. कई बार लिफ्ट और एस्केलेटर बंद होने के कारण यात्रियों की ट्रेन तक छूट जाती है. प्लेटफॉर्म नंबर दो पर एक भी टिकट काउंटर नहीं है. टिकट लेने के लिए यात्रियों को प्लेटफॉर्म नंबर एक पर आना पड़ता है, जिसके लिए उन्हें फुट ओवरब्रिज पार करना होता है. लिफ्ट और एस्केलेटर की अनुपलब्धता में यह काम और कठिन हो जाता है, खासतौर पर महिलाओं और बुजुर्गों के लिए. यात्रियों ने प्लेटफॉर्म नंबर दो पर टिकट काउंटर खोलने की मांग की है.
स्टेशन परिसर में नहीं चालू है एक भी कैंटीन
स्टेशन परिसर में फिलहाल कोई भी कैंटीन चालू नहीं है. पहले प्लेटफॉर्म नंबर एक पर अल्पाहार के लिए कैंटीन संचालित होती थी, लेकिन बीते एक साल से वह भी बंद पड़े है. जानकारी के अनुसार, रेलवे की ओर से किराया बढ़ाए जाने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है. रात के समय स्टेशन पर कैंटीन न होने से यात्रियों को खाने-पीने के वस्तुओं के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है. यात्रियों ने स्थानीय रेलवे प्रशासन से मांग की है कि करोड़ों की लागत से स्थापित सुविधाओं को सुचारू रूप से चालू रखा जाए, ताकि आम यात्रियों को इसका वास्तविक लाभ मिल सके. साथ ही, प्लेटफॉर्म नंबर दो पर टिकट काउंटर और स्टेशन परिसर में कैंटीन की व्यवस्था जल्द बहाल की जाए.
बोले लोग
स्वचालित सीढ़ी अक्सर बंद रहती हैं. इस समस्या को कई बार बिजली विभाग के समक्ष उठाया गया, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं हुआ है.
-हिसाबी राय, अध्यक्ष, पैसेंजर एसोसिएशनएस्केलेटर बंद रहने से बुजुर्गों, बीमारों और भारी सामान वाले यात्रियों को काफी परेशानी होती है. रेलवे को इसे तुरंत दुरुस्त करना चाहिए.
-मोहम्मद समीम, स्थानीयपाकुड़ से नियमित यात्रा करता हूं. स्वचालित सीढ़ी हमेशा बंद रहती है. सामान लेकर चढ़ना मुश्किल होता है. रेलवे को सुविधा चालू करन चाहिए.-अजय कुमार, यात्री एस्केलेटर बंद होने पर यात्री आपात स्थिति में पटरी पार कर जाते हैं, जिससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. रेलवे को इस पर ध्यान देना चाहिए.
-जितेंद्र कुमार, यात्रीएस्केलेटर बंद होने से बुजुर्ग, महिलाएं और दिव्यांग परेशान होते हैं. व्हीलचेयर से भी ओवरब्रिज पार कराना मुश्किल होता है. सुविधाएं जल्द चालू हो.-अमल रविदास, स्थानीयपाकुड़ स्टेशन पर टिकट काउंटर, लिफ्ट और एस्केलेटर जैसी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं. हावड़ा डिविजन को सर्वाधिक राजस्व देने वाला स्टेशन उपेक्षित है.
-संजीव खत्री, सचिव, चैंबर ऑफ कॉमर्सडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
