लिट्टीपाड़ा विधानसभा उपचुनाव : क्यों बढ़ रही है पार्टियों में घबराहट?

विधायक अनिल मूर्मू के निधन के बाद खाली पड़े सीट लिट्टीपाड़ा का उपचुनाव 9 अप्रैल को है. महीने भर से लिट्टीपाड़ा में नेताओं का जमावाड़ा रहा है. फिलहाल तीन पूर्व सीएम व एक वर्तमान सीएम लिट्टीपाड़ा में कैंप कर रहे हैं. हेमंत सोरेन, शिबू सोरेन, बाबूलाल मरांडी तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों की सक्रियता यहां देखी जा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 3, 2017 2:40 PM

विधायक अनिल मूर्मू के निधन के बाद खाली पड़े सीट लिट्टीपाड़ा का उपचुनाव 9 अप्रैल को है. महीने भर से लिट्टीपाड़ा में नेताओं का जमावाड़ा रहा है. फिलहाल तीन पूर्व सीएम व एक वर्तमान सीएम लिट्टीपाड़ा में कैंप कर रहे हैं. हेमंत सोरेन, शिबू सोरेन, बाबूलाल मरांडी तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों की सक्रियता यहां देखी जा सकती है. वहीं रघुवर दास भी इस चुनाव को लेकर काफी सक्रिय हैं. सीएम रघुवर दास आज दूसरीबार लिट्टीपाड़ा के लिए चुनावी दौरे पर हैं.

बतौर मुख्यमंत्री किसी शख्स के लिएएक सीट के चुनाव को इतनी गंभीरता से लेना, इस बात की ओर इंगित करता है कि यह मामूली उपचुनाव नहीं हैऔर राज्य की राजनीति में इसके दूरगामी प्रभाव पड़ेंगे. भाजपा की ओर से हेमलालू मूर्मू और झामुमो की ओर से साइमन मरांडी मैदान में हैं. दोनों ही झारखंड के कद्दावार नेता हैं और किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं. लिट्टीपाड़ा उपचुनाव, यूपी उपचुनाव के अंतिम दौर के चुनाव की याददिलाताहै.

सीएनटी एक्ट संशोधन का दिखेगा असर
भाजपा के खेमे में इस बात को लेकर बैचेनी है कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट संशोधन राज्य के लिए एक मुद्दा बन चुका है. सोशल मीडिया में भी इस मुद्दे को लेकर तीखी बहस हो रही है. इस एक्ट के संशोधन को लेकर लोगों में आक्रोश है. भाजपा अगर यह उपचुनाव हारती है तो यूपी सहित देश के कई राज्यों में लगातार मिल रही जीत के बाद झारखंड की हार रघुवर दास की निजी हार के रूप में देखी जायेगी. मुख्यमंत्री इस वजह से बार-बार लिट्टीपाड़ा का दौरा कर रहे हैं.
झामुमो के लिए प्रतिष्ठा का विषय
झामुमो किसी भी हाल में यह सीट खोना नहीं चाहती. यूपी चुनाव नतीजों के बाद विपक्षी दलों के बीच एक भय पैदा हो गया है. इस बीच हेमंत सोरेन ने छह अप्रैल को प्रधानमंत्रीनरेंद्र मोदी के साहेबगंज दौरे को लेकर सवाल उठाया है. चुनाव आयोग से इस बात की शिकायत भी की गयी.