हिसरी पंचायत के रंगड़ा-खंभन गांव में जल संकट गहराया
हिसरी पंचायत के रंगड़ा-खंभन गांव में जल संकट गहराया
किस्को़ किस्को प्रखंड की हिसरी पंचायत के रंगड़ा और खंभन गांव के ग्रामीण गंभीर जल संकट से जूझ रहे हैं. गांव में जल-नल योजना पूरी तरह फेल साबित हो रही है. ग्रामीणों का कहना है कि सरकारी योजना गांव तक पहुंचने से पहले ही दम तोड़ चुकी है और योजना के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गयी है. नतीजा यह है कि सुबह होते ही लोग नदी, तालाब और चुआं का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं. ठंड के मौसम में खेतों में भरे पानी और कीचड़ के बीच से होकर ग्रामीणों को पानी लाना पड़ता है. तब जाकर चूल्हा जलता है. पीने के लिए भी गंदे पानी का ही सहारा लेना पड़ता है, जिससे बीमारियों का खतरा लगातार बना हुआ है. आंगनबाड़ी सेविका ने बताया कि केंद्र संचालन में भी काफी परेशानी होती है. चुआं का पानी लाकर आंगनबाड़ी चलानी पड़ती है, जिससे बच्चों और महिलाओं को दिक्कतें होती हैं. ध्वस्त हो चुका है गांव में बना कुआं : ग्रामीणों ने बताया कि यह पहाड़ी गांव सुदूर क्षेत्र में बसा है. गांव की आबादी करीब 500 है और सभी गरीब परिवार यहां निवास करते हैं. गांव में बना कुआं ध्वस्त हो चुका है. पंचायत से जुड़ा जलमीनार और जल-नल योजना बेकार साबित हो रही है. ग्रामीणों को करीब एक किलोमीटर दूर जाकर कीचड़ के रास्ते चुआं से पानी लाना पड़ता है. सुबह से ही महिला-पुरुष पानी की जुगाड़ में जुट जाते हैं. पेयजल की स्थायी व्यवस्था की मांग : ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि गांव में पेयजल की स्थायी व्यवस्था की जाये और जल-नल योजना को दुरुस्त कराया जाये. साथ ही पहाड़ी गांव में सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं की भी जरूरत है. गांव तक पहुंचने के लिए केवल पगडंडी है, बारिश के दिनों में हालात और बदतर हो जाती है.
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