एनएच-43 के मार्ग परिवर्तन पर सांसद ने जतायी आपत्ति, आदिवासियों के हित में हस्तक्षेप की मांग
एनएच-43 के मार्ग परिवर्तन पर सांसद ने जतायी आपत्ति, आदिवासियों के हित में हस्तक्षेप की मांग
लोहरदगा़ लोकसभा सांसद सुखदेव भगत ने नई दिल्ली में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर झारखंड के गुमला जिले में एनएच-43 पर चल रही भारतमाला परियोजना के मार्ग परिवर्तन मामले पर गंभीर चिंता जतायी. उन्होंने बताया कि पहले यह सड़क एनएच-43 के पुराने प्रस्तावित मार्ग सीलम, नावाडीह होते हुए छत्तीसगढ़ तक निर्माणाधीन थी. इस दौरान क्षेत्र के कई आदिवासी एवं अन्य ग्रामीणों ने विकास की दृष्टि से स्वेच्छा से अपनी भूमि भी दी थी. सांसद ने कहा कि बाद में एनएचएआइ के कुछ अधिकारियों द्वारा कथित रूप से गलत और भ्रामक आंकड़े प्रस्तुत कर सड़क का मार्ग बदल दिया गया और अब नये रूट पर सर्वेक्षण कार्य किया जा रहा है. इससे आदिवासी समुदाय में गहरी चिंता और आक्रोश है. नये प्रस्तावित मार्ग से सड़क बनने पर सैकड़ों आदिवासी परिवार अपनी कृषि योग्य और सामाजिक भूमि खो देंगे, जिससे कई परिवार भूमिहीन हो जायेंगे. उनकी आजीविका का एकमात्र साधन कृषि है, जो पूरी तरह प्रभावित हो जायेगा. सांसद ने यह भी कहा कि नये मार्ग से सरकार पर आर्थिक बोझ भी बढ़ेगा. जहां पहले प्रस्तावित परियोजना की लागत 700 करोड़ रुपये थी, वहीं अब नई योजना में लागत बढ़कर लगभग 1200 करोड़ रुपये हो गयी है. सड़क की लंबाई भी 12 किलोमीटर से बढ़कर 34 किलोमीटर हो गयी है. सांसद सुखदेव भगत ने प्रभावित गांवों के दौरे का हवाला देते हुए कहा कि आदिवासी परिवार पहले ही सड़क निर्माण के लिए जमीन दे चुके हैं और अब नयी सड़क के लिए अपनी उपजाऊ भूमि देने को तैयार नहीं हैं. उन्होंने मंत्री से आग्रह किया कि आदिवासी हितों, जनकल्याण और राजस्व हानि को ध्यान में रखते हुए पुराने प्रस्तावित एनएच-43 मार्ग पर ही निर्माण कार्य पुनः शुरू कराया जाये और नये प्रस्ताव को तत्काल स्थगित किया जाये. साथ ही गलत तथ्य प्रस्तुत करने वाले एनएचएआइ के अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग भी की. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सांसद को इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया.
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