किसान धान अधिप्राप्ति केंद्रों में ही अपना धान दें
किसान धान अधिप्राप्ति केंद्रों में ही अपना धान दें
लोहरदगा़ उपायुक्त डॉ ताराचंद की अध्यक्षता में पंचायत कर गोइठ का 18वां संस्करण निंगनी पंचायत भवन में आयोजित किया गया. इस दौरान उपायुक्त ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिले के सभी मुखियाजनों को संबोधित किया. जिला प्रशासन की ओर से किसी पंचायत के माध्यम से पहली बार इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें आम ग्रामीणों की बड़ी भागीदारी और उत्साह देखने को मिला. उपायुक्त ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि जिन किसानों ने आलू, चना, सरसों और गेहूं की फसल बोई है, वे अनिवार्य रूप से फसल बीमा करायें. बीमा के लिए पंजीकरण की अंतिम तिथि 31 दिसंबर निर्धारित है. केसीसी ऋणधारी किसान संबंधित बैंक से संपर्क करें, जबकि अन्य किसान नजदीकी प्रज्ञा केंद्र पर मात्र एक रुपये की टोकन राशि जमा कर बीमा योजना का लाभ ले सकते हैं. ओलावृष्टि या किसी अन्य प्राकृतिक आपदा से फसल क्षति होने पर मुआवजा दिया जायेगा, इसके लिए 72 घंटे के भीतर 14447 पर कॉल कर संबंधित बीमा कंपनी को सूचना देना अनिवार्य है. धान की एमएसपी 2450 रुपये, 25 केंद्रों पर हो रही खरीद : उपायुक्त ने बताया कि राज्य सरकार ने इस वर्ष धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2450 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है, जो बाजार मूल्य से अधिक है. जिले के 21 लैंपस और चार एफपीओ को धान अधिप्राप्ति केंद्र के रूप में चिह्नित किया गया है. किसान इन्हीं 25 केंद्रों पर धान बेचें. अधिप्राप्ति के बाद आवश्यक सत्यापन कर एक सप्ताह के भीतर राशि सीधे बैंक खाते में जमा की जायेगी. धान बिक्री के लिए ऑनलाइन, प्रज्ञा केंद्र, प्रखंड कार्यालय या जिला आपूर्ति कार्यालय में पंजीकरण कराया जा सकता है. बाल विवाह, डायन प्रथा पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी : उपायुक्त ने जिले को बाल विवाह मुक्त बनाने का लक्ष्य दोहराते हुए कहा कि नाबालिगों का विवाह कराने पर बाल विवाह अधिनियम और पॉक्सो एक्ट के तहत कानूनी कार्रवाई की जायेगी. साथ ही पंचायतों से डायन-बिसाहा जैसी कुरीतियों के उन्मूलन में मुखियाओं से सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की. शिक्षा, स्वास्थ्य और शीतलहर से बचाव पर निर्देश : उन्होंने कहा कि कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालयों में जनवरी से छठी कक्षा में नामांकन प्रक्रिया शुरू होगी, जिसमें विधवा व परित्यक्ता महिलाओं की बच्चियों को प्राथमिकता दी जायेगी. शिक्षा को जीवन का आधार बताते हुए बच्चों को पढ़ाई से जोड़ने और पंचायत ज्ञान केंद्रों का उपयोग करने की अपील की. शीतलहर को देखते हुए बच्चों और बुजुर्गों को ठंड से बचाने, ठंडा पानी न पीने तथा निजी विद्यालयों को सुबह नौ बजे के बाद ही संचालित करने के निर्देश दिये गये. गर्भवती महिला के प्रसव पूर्व जांच, आवश्यक दवाइयां व पोषणयुक्त आहार का हमेशा ख्याल रखें. पंचायत स्तर पर स्वास्थ्य समिति व शिक्षा समितियों की बैठक नियमित रूप से करें. कार्यक्रम में अपर समाहर्ता जितेंद्र मुंडा, आइटीडीए परियोजना निदेशक सुषमा नीलम सोरेंग, किस्को एसडीपीओ वेदांत शंकर, जिला पंचायत राज पदाधिकारी अंजना दास सहित सभी जिला स्तरीय पदाधिकारी, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रखंड व अंचल स्तरीय अधिकारी तथा काफी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे.
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