टूटी छत और कमजोर दीवारें बच्चों के लिए गंभीर खतरा
टूटी छत और कमजोर दीवारें बच्चों के लिए गंभीर खतरा
किस्को़ किस्को प्रखंड अंतर्गत डटमा स्थित राज्यकीय प्राथमिक विद्यालय का भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है, जहां बच्चे जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं. सर्वशिक्षा अभियान के तहत बने इस विद्यालय का भवन कभी भी ध्वस्त हो सकता है. विद्यालय में दो कमरे हैं, जिनकी छत और दीवारों से सरिया बाहर दिखायी दे रहा है. आये दिन छत के हिस्से टूटकर गिर रहे हैं. हाल के दिनों में छत का हिस्सा गिरने से एक शिक्षक के घायल होने की भी जानकारी मिली है. कमरों की दीवार और फर्श में गहरी दरारें पड़ चुकी हैं, जिससे कक्षाओं में पढ़ाई करना खतरनाक हो गया है. बरसात के दौरान छत से पानी टपकता है, जिससे बच्चों को काफी परेशानी होती है. बावजूद इसके इसी विद्यालय में चुनाव के दौरान बूथ भी बनाये जाते हैं, जबकि भवन खुद बदहाली का शिकार है. 52 बच्चे अध्ययनरत : विद्यालय में अनुसूचित जाति और जनजाति समुदाय के कक्षा एक से पांच तक के कुल 52 बच्चे अध्ययनरत हैं. विद्यालय के शिक्षकों और बीआरसी अधिकारियों का कहना है कि भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है और बरसात के समय पठन-पाठन कराना मुश्किल हो जाता है. कई बार उच्चाधिकारियों और जिला स्तरीय अधिकारियों को स्थिति से अवगत कराया गया, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. ग्रामीणों का कहना है कि टूटी छत और कमजोर दीवारें बच्चों के लिए गंभीर खतरा बनी हुई हैं. असुरक्षित माहौल से बच्चों की पढ़ाई, एकाग्रता और मानसिक स्थिति पर भी असर पड़ रहा है. ग्रामीणों ने शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन से विद्यालय भवन का शीघ्र निरीक्षण कर मरम्मत या नये भवन के निर्माण के लिए फंड जारी करने की मांग की है.
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