क्षेत्रीय भाषा के रूप में मगही को लातेहार में मान्यता देने का विरोध शुरू, कहा- छात्रों का मारा जायेगा हक

jharkhand news: क्षेत्रीय भाषा के रूप में मगही को लातेहार में मान्यता देने का विरोध शुरू हो गया है. इसके विरोध में लोगों ने मौन जुलूस निकाल कर सभा का आयोजन किया. इस दौरान वक्ताओं ने मगही भाषा को क्षेत्रीय भाषा से हटाने की मांग करते हुए सीएम के नाम एक ज्ञापन सौंपा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 21, 2022 8:32 PM

Jharkhand news: मगही भाषा को लातेहार जिला में क्षेत्रीय भाषा के रूप में मान्यता देने का विरोध शुरू हो गया है. इसके विरोध में सोमवार को महुआडांड प्रखंड में छेछाड़ी महिला संघ के नेतृत्व में शांतिपूर्वक मौन जुलूस निकाला गया. जुलूस शहीद चौक से शुरू होकर शास्त्री चौक, बिरसा चौक, रामपुर होते हु अनुमंडल कार्यालय पहुंची. वहीं, जुलूस सभा में तब्दील हो गई. जुलूस का नेतृत्व महुआडांड़ जिप सदस्य मनिना कुजूर, जेवियर कुजूर, जुवेल लकड़ा एवं प्रखंड मुखिया संघ अध्यक्ष विर्जिनिया कुजूर ने किया. वहीं, सभा का संचालन जिप सदस्य मनिना कुजूर ने किया.

क्षेत्रीय भाषा से मगही को हटाने की मांग

इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि झारखंड स्थापना से पूर्व यहां के लोगों ने भाषा-संस्कृति के कारण कई आंदोलन किये हैं, लेकिन वर्तमान राज्य सरकार ने लातेहार की स्थानीय भाषा में मगही भाषा को शामिल कर यहां के लोगों के साथ धोखा किया है. मगही को शामिल करने से स्थानीय छात्रों की हक मारी जायेगी. इसलिए उसे क्षेत्रीय भाषा से हटाया जाये.

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मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

वक्ताओं ने कहा कि अगर राज्य सरकार मगही को क्षेत्रीय भाषा की सूची से अलग नहीं करती है, तो गांव से लेकर जिला तक चरणबद्ध आंदोलन होगा. अपनी मांगों को लेकर प्रतिनिधिमंडल ने अनुमंडल कार्यालय में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा. जिसके माध्यम से मगही को क्षेत्रीय भाषा का दर्जा दिये जाने के प्रस्ताव को रद्द करने, सभी क्षेत्रीय भाषाओं का पठन-पाठन सभी विद्यालयों में प्राथमिक स्तर से शुरू करने, कार्यालय अधिसूचना हिंदी-अंग्रेजी के अलावा झारखंडी भाषाओं में प्रकाशित करने आदि की मांग की. इस मौके पर मुखिया प्रमिला मिंज, फ्रीदा टोप्पो, पंचायत समिति सदस्य मगदली कुजूर समेत सैंकड़ों की संख्या में ग्रामीण मौजूद थे.


रिपोर्ट : वसीम अख्तर, महुआडांड, लातेहार.

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