पाइप फटने से घंघरी छठ तालाब में फैला फ्लाइ ऐश
प्रखंड स्थिति घंघरी का तालाब छठ पूजा से ठीक पहले केटीपीएस के ऐश पाउंड की पाइप फटने से गिला ऐश से भर गया.
जयनगर. प्रखंड स्थिति घंघरी का तालाब छठ पूजा से ठीक पहले केटीपीएस के ऐश पाउंड की पाइप फटने से गिला ऐश से भर गया. पूरा तालाब ऐश के ढेर से समतल हो गया है. हालांकि मामले की जानकारी केटीपीएस प्रबंधन को दे दी गयी है. उल्लेखनीय है कि घंघरी के इस तालाब में भगवान भास्कर की प्रतिमा स्थापित कर बड़ी संख्या में ग्रामीण पूजा-अर्चना करते हैं. यहां 10 दिवसीय मेला का भी आयोजन होता है. ग्रामीणों के अनुसार यह तालाब सालों भर कमल के फूलों से भरा रहता था, लेकिन गीला के फैल जाने से तालाब की सूरत बिगड़ चुकी है. ऐसे में व्रति छठ पर्व कैसे करेंगे, इसकी चिंता ग्रामीणों को है. ग्रामीणों ने इसके लिए डीवीसी प्रबंधन को जिम्मेवार ठहराया है.
शीघ्र ही तालाब की सफाई होगी : प्रबंधन
इस संबंध में पूछे जाने पर वरीय महाप्रबंधक मनोज कुमार ठाकुर ने कहा कि छठ महापर्व सबके लिए लोक आस्था का महापर्व है, शीघ्र ही घंघरी तालाब सहित आसपास के छठ घाटों की साफ सफाई करायी जाएगी. छठ घाट निरीक्षण के दौरान श्री ठाकुर ने यही आश्वासन दिया और कहा कि वर्ती महिलाओं को किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी.
वर्जन:::
डीवीसी प्रबंधन के रवैये से तालाब प्रदूषित हो चुका है. कभी प्लांट के अंदर से केमिकल युक्त पानी छोड़ा जाता है, तो कभी गीला ऐश बहने से तालाब प्रदूषित हो गया है. तालाब का उपयोग लोग नहाने तथा कपड़ा व बर्तन धोने के लिए सालों भर करते हैं. इस तालाब में लोग महापर्व छठ करते हैं.
बद्री मंडल, पंसस
कैलाश शर्मा
प्रदूषित पानी से जलीय जीव-जंतुओं पर भी असर पड़ता है. पानी प्रदूषित होने के कारण आसपास के इलाके में पेयजल भी प्रभावित हो रहा है, पशुओं के लिए भी यह समस्या बन गया है. छठ तालाब पूरी तरह से गंदा हो चुका है. किसानों की खेती योग्य भूमि भी बर्बाद हो गयी है.अजीत कुमार सिंह
डीवीसी हर बार इस तालाब को गंदा करता है. तालाब के पानी का इस्तेमाल ग्रामीण सालों भर करते हैं. छठ महापर्व जैसे समय में तालाब का प्रदूषित होना आस्था पर चोट कर रहा है. डीवीसी प्रबंधन को यह समझने की जरूरत है कि ऐसे में कैसे होगा छठ महापर्व. प्रबंधन मनमानी पर रोक लगाये.परमानंद गिरि
बरसात के दिनों में जल प्रदूषण और गर्मी के दिनों में वायु प्रदूषण से घंघरी के ग्रामीण काफी परेशान है, मगर सबसे बडी परेशानी छठ महापर्व में छठ तालाब का प्रदूषित होना है. इस तालाब की सफाई में ग्रामीणों को काफी मशक्कत करनी पडेगी. प्रबंधन तालाब की सफाई कराये.शशि पांडेय
हमारी माताएं-बहनें तालाब की हालात देख चिंतित हैं. छठ से लेकर एतवारी छठ तक यहां नियमित पूजा अर्चना करना है. महिलाएं श्रमदान कर तालाब की सफाई करने का मन बना रही हैं. यदि समय रहते इस तालाब की साफ-सफाई नहीं करायी गयी, तो यह समस्या आंदोलन का रूप ले सकता है.अमर सिंह
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