पीएलएफआइ का इनामी एरिया कमांडर गिरफ्तार

प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन पीएलएफआइ में नाग के नाम से प्रचलित एरिया कमांडर दीत नाग को खूंटी पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार किया. एसपी आशुतोष शेखर के निर्देश पर अड़की और मुरहू पुलिस की टीम ने विशेष छापेमारी अभियान चलाकर अड़की थाना क्षेत्र के चाड़ाडीह रायतोड़ांग के जंगल से उसे गिरफ्तार किया. दो लाख रुपये के इनामी इस उग्रवादी के पास से एक लोडेड देसी पिस्टल, एके-47 की 11 गोलियां, पीठू, संगठन का रसीद और पर्चा बरामद हुआ है. उक्त जानकारी खूंटी एसपी आशुतोष शेखर ने दी.

By Prabhat Khabar | August 2, 2020 1:08 AM

खूंटी : प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन पीएलएफआइ में नाग के नाम से प्रचलित एरिया कमांडर दीत नाग को खूंटी पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार किया. एसपी आशुतोष शेखर के निर्देश पर अड़की और मुरहू पुलिस की टीम ने विशेष छापेमारी अभियान चलाकर अड़की थाना क्षेत्र के चाड़ाडीह रायतोड़ांग के जंगल से उसे गिरफ्तार किया. दो लाख रुपये के इनामी इस उग्रवादी के पास से एक लोडेड देसी पिस्टल, एके-47 की 11 गोलियां, पीठू, संगठन का रसीद और पर्चा बरामद हुआ है. उक्त जानकारी खूंटी एसपी आशुतोष शेखर ने दी.

एसपी ने बताया कि दीत नाग किसी घटना को अंजाम देने की फिराक में था. इसकी सूचना मिलने पर टीम बना उसे गिरफ्तार किया गया. दीत नाग बंदगांव, मुरहू और अड़की क्षेत्र में सक्रिय था. उसके खिलाफ मुरहू में 15 व अड़की में पांच मामले दर्ज हैं. इसमें हत्या के सात मामले शामिल हैं. एसपी ने कहा कि दीत नाग की गिरफ्तारी खूंटी पुलिस के लिए बड़ी उपलब्धि है. लंबे समय से पुलिस को उसकी तलाश थी. उन्होंने बताया कि उसके दस्ते के ज्यादातर लोग या तो मारे गये हैं या पकड़े जा चुके हैं.

चार साल से था आतंक : दीत नाग पीएलएफआइ में एरिया कमांडर के पद पर रहते हुए चार साल से अड़की, मुरहू और बंदगांव क्षेत्र में आतंक मचाये हुए था. दीत नाग ने मामूली विवाद में अपने एक चचेरे भाई जितेंद्र मुंडा की हत्या कर शव को टुकड़े-टुकड़े कर दिया था. वह पीएलएफआइ के जोनल कमांडर रहे प्रभु सहाय बोदरा के साथ काम करता था.

29 जनवरी 2019 को अड़की के तिरला में पुलिस और पीएलएफआइ के बीच हुई मुठभेड़ में वह बच निकला था. उस मुठभेड़ में उसके पैर में गोली लगी थी. पूर्व में वह एके-47 का उपयोग करता था. तिरला मुठभेड़ में एके-47 को छोड़ कर वह भाग निकला था. उक्त मुठभेड़ में प्रभु सहाय बोदरा समेत पांच उग्रवादी मारे गये थे. इसके अलावा भैयाराम मुंडा हत्याकांड में भी दीत नाग शामिल था.

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