खूंटी की बनई नदी में पुल नहीं, युवकों ने गर्भवती महिला को ढोकर नदी कराया पार, गांव तक नहीं पहुंचता वाहन

jharkhand news: खूंटी के तोरपा प्रखंड में बनई नदी पर पुल नहीं होने का खामियाजा यहां के ग्रामीण भुगत रहे हैं. पुल नहीं होने व वाहनों के नहीं आने से मरीजों को खटिया पर टांगकर नदी पार कराना पड़ता है. शुक्रवार को भी युवाओं ने एक गर्भवती महिला को इसी तरह नदी पार कर एंबुलेंस तक पहुंचाएं.

By Prabhat Khabar Print Desk | December 3, 2021 9:03 PM

Jharkhand news: झारखंड के खूंटी जिला अंतर्गत तोरपा प्रखंड के फडिंगा गांव के लोग अब भी आदिम युग में जीने को मजबूर हैं. बनई नदी में पुल नहीं होने से गांव तक वाहन नहीं पहुंच पाता है. गांव के बीमार लोगों को ढोकर नदी पार कराया जाता है. ऐसी ही एक घटना शुक्रवार को घटी जब प्रसव पीड़ा से कराह रही एक महिला जिंदो मुंडू को गांव के लोगों ने ढोकर नदी पार कराया. उसे ले जाने के लिए एंबुलेंस बुलाया गया था, पर नदी में पुल नहीं होने से एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पाया.

युवकों के आनन- फानन में एक प्लास्टिक की कुर्सी पर गर्भवती महिला को बिठाया तथा लकड़ी के डंडे से टांग कर नदी पार कराया. युवकों ने लगभग ढाई किलोमीटर तक महिला को ढोकर फटका गांव तक पहुंचाया. जानकारी के अनुसार, यहां से उक्त गर्भवती महिला को एंबुलेंस से रेफरल अस्पताल लाया गया. जहां कुछ देर बाद उसने एक बच्ची को जन्म दिया.

ग्रामीण कर रहे हैं पुल बनाने की मांग

फडिंगा गांव के ग्रामीण वर्षों से गांव जाने के रास्ते पर पुल बनाने की मांग कर रहे हैं. इसके लिए कई बार अधिकारियों व नेताओं को ज्ञापन सौंपा गया, पर किसी ने ध्यान नहीं दिया. गांव के शिक्षक मस्कलन बोदरा बताते हैं कि प्रतिदिन दर्जनों गांव के लोग इस जान जोखिम में डालकर इस नदी को पार कर आना-जाना करते हैं. वहीं, पौलुस बोदरा कहते हैं कि ग्रामीणों के साथ-साथ स्कूली छात्र-छात्राओं का भी लगातार आना-जाना होता है. नदी पर पुल नहीं होने से परेशानी होती है.

Also Read: ग्रासरूट पर फुटबॉल को प्रमोट करने खरसावां पहुंचे टीवी एक्टर प्रभात भट्टाचार्य,बोले- इस खेल में है काफी संभावना

वहीं, फटका से फडिंगा जानेवाली सड़क पर स्थित बनई नदी पर पुल नहीं बनने से लोगाें को आवागमन में काफी परेशानी उठानी पड़ी है. बरसात के दिनों में लोगों को जान जोखिम में डालकर आवागमन करने को बाध्य होना पड़ता है. यह सड़क पश्चिम सिंहभूम से जुड़ी है. खूंटी जिले के फडिंगा के अलावा पश्चिम सिंहभूम के सुंडिंग, टोरांग व पोरेगेर गांव के सैकड़ों लोग हर दिन इस नदी को पार कर आवाजाही करते हैं.

रिपोर्ट: सतीश शर्मा, तोरपा, खूंटी

Next Article

Exit mobile version