जिले में कोल्ड स्टोरेज की कमी से जूझ रहे हैं किसान
खूंटी कृषि पर आधारित जिला है. इसके बावजूद यहां किसानों की सुविधा के लिए बहुत कम इंतजाम है.
भूषण कांशी, खूंटी.
खूंटी कृषि पर आधारित जिला है. इसके बावजूद यहां किसानों की सुविधा के लिए बहुत कम इंतजाम है. जिसके कारण कृषि और वनोपज का लाभ खूंटी जिले वासियों को उतना नहीं मिल पाता है. झारखंड बने 25 साल हो गये, वहीं खूंटी जिला बने 18 साल होने को है, लेकिन किसानों के उपज को रखने के लिए अब तक खूंटी जिले में एक अदद कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था नहीं है. जिसके कारण किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है. पिछले दिनों लगभग तीन महीने तक लगातार बारिश हुई. कोल्ड स्टोरेज होने पर किसान अपनी उपज को उसमें सुरक्षित रख सकते थे. कोल्ड स्टोरेज नहीं होने के कारण कई किसानों की तैयार सब्जी और अन्य उत्पाद सड़ कर बेकार हो गये. जिले में बड़ी मात्रा में वनोपज भी होती है. स्टोरेज की व्यवस्था नहीं होने के कारण किसान जो दाम मिला उसी में बेचने को विवश रहते हैं. कुछ संस्थाओं की मदद से कोल्ड स्टोरेज बनाये भी गये, तो उनकी क्षमता बहुत कम है. सहायक निबंधक सहकारिता विभाग खूंटी के पदाधिकारी कुमारदीप एक्का ने बताया कि फिलहाल खूंटी जिला में तपकरा, रनिया, अड़की तथा खूंटी सदर में पांच एमटी का सोलर युक्त कोल्ड स्टोरेज है. जहां लैंपस के खाद बीज तथा अन्य कच्चे मटेरियल रखे जाते हैं. लेकिन इसमें किसानों को उपज रखने की सुविधा नहीं है. हालांकि ये कोल्ड स्टोरेज भी दयनीय स्थिति में हैं. उन्होंने बताया कि वर्तमान में कोई किसानों के हित के लिए वृहत आकार का कोल्ड स्टोरेज बनाने की योजना जिले में नहीं है. किसानों द्वारा भी इस मुद्दे पर सरकार से अब तक कोई मांग नहीं की गयी है.कोल्ड स्टोरेज नहीं रहने के कारण सड़ जाते हैं किसानों के उपज
सहकारिता विभाग के कोल्ड स्टोरेज में खाद-बीज भी रखा जाता है
संस्थाओं की मदद से कोल्ड स्टोरेज बनाये गये हैं, जिनकी क्षमता बहुत कमB
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