Jharkhand Weather: पांच जुलाई तक बारिश का पूर्वानुमान, राजधानी में एक दिन में चार मिमी बारिश

राज्य में मौसम बदल चुका है. मॉनसून की सक्रियता ने आमजन को गर्मी से राहत दी है. राजधानी रांची समेत आसपास के पांच जिले में बारिश हुई. राजधानी रांची में एक दिन में चार मिमी बारिश हुई है. राजधानी रांची और उसके आसपास के जिले में मॉनसून आने के 15 दिनों के बाद झमाझम बारिश हुई.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 2, 2022 11:03 AM

Jharkhand Weather Update: राज्य में मौसम बदल चुका है. मॉनसून की सक्रियता ने आमजन को गर्मी से राहत दी है. राजधानी रांची समेत आसपास के पांच जिले में बारिश हुई. राजधानी रांची में एक दिन में चार मिमी बारिश हुई है. राजधानी रांची और उसके आसपास के जिले में मॉनसून आने के 15 दिनों के बाद झमाझम बारिश हुई.

अगले दो दिनों तक ऐसा ही रहेगा मौसम

मौसम केंद्र का पूर्वानुमान है कि अगले एक-दो दिनों तक इसी तरह का मौसम रहेगा. गौरतलब है कि मॉनसून के आने के बाद से राजधानी में कहीं-कहीं हल्की बारिश हो रही थी. बदले मौसम का असर राजधानी के जनजीवन पर भी दिखा. दो और तीन जुलाई को राज्य में कहीं-कहीं गर्जन और वज्रपात होने की संभावना है. चार और पांच जुलाई को राज्य के उत्तर-पूर्वी तथा निकटवर्ती मध्य भाग में कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है. इसके अलावा पांच जुलाई को मध्य के साथ-साथ दक्षिण राज्यों में भी भारी बारिश हो सकती है.

संताल परगना में हुई अच्छी बारिश

पिछले 24 घंटे में संताल परगना के कई इलाकों में अच्छी बारिश हुई. दुमका के खुसियारी में करीब 80 मिमी बारिश हुई. इसके अतिरिक्त जामताड़ा में 45 मिमी के आसपास बारिश हुई. बोकारो में 75, चक्रधरपुर में 62 और धनबाद में 54 मिमी के आसपास बारिश हुई. राजधानी में अब तक 102 मिमी बारिश हो गयी है. जमशेदपुर में सबसे अधिक 286 मिमी बारिश मॉनसून में हो गयी है.

पलामू में बारिश के आसार

मौसम विज्ञान केंद्र रांची के मुताबिक अगले कुछ घंटों में पलामू में मध्यम दर्जे की बारिश का पूर्वानुमान लगाया गया है. यहां मौसम परिवर्तन, मेघ गर्जन के साथ वज्रपात की आशंका भी व्यक्त की गयी है. बताते चलें कि राज्य में मॉनसून के समय पर प्रवेश के बाद सुस्त पड़ जाना कम बारिश की वजह बनी. मौसम विज्ञान केंद्र रांची के वरीय वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने बताया कि राज्य में मानसून सक्रिय जरूर है, लेकिन यह कमजोर है.आने वाले दिनों में पूर्वी और पश्चिमी टर्फ में निम्न दबाव का क्षेत्र बन रहा है. इसकी वजह से मध्यम दर्जे की बारिश का अनुमान है.

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