खनन स्थल पर कार्य करने वाले को नहीं दिया जा रहा प्रशिक्षण

जामताड़ा जिले में 13 माइनिंग से मजदूरों का चयन कर स्वास्थ्य की जांच की गयी थी जामताड़ा : सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार खनन में कार्य करने वाले मजदूरों को समय-समय पर प्रशिक्षण देकर सुरक्षा के प्रति जागरूक करना है. साथ ही समय-समय पर मजदूरों के स्वास्थ्य की जांच का भी निर्देश दिया गया है. सुप्रीम […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 26, 2017 5:21 AM

जामताड़ा जिले में 13 माइनिंग से मजदूरों का चयन कर स्वास्थ्य की जांच की गयी थी

जामताड़ा : सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार खनन में कार्य करने वाले मजदूरों को समय-समय पर प्रशिक्षण देकर सुरक्षा के प्रति जागरूक करना है. साथ ही समय-समय पर मजदूरों के स्वास्थ्य की जांच का भी निर्देश दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश से खान महानिदेशालय की टीम ने जामताड़ा खनन कार्यालय में पहुंचकर लीड धारकों के साथ बैठक की थी. बैठक में खनन में कार्य करने वाले मजदूरों के स्वास्थ्य जांच का निर्देश दिया था. निर्देश के आलोक में जामताड़ा जिला में 13 माइनिंग से मजदूरों का चयन कर स्वास्थ्य की जांच की गयी थी. एक-एक माइनिंग से तीन-तीन मजदूरों का चयन किया गया था.
स्वास्थ्य जांच में मजदूरों के विभिन्न प्रकार की जांच की गयी थी. जिसमें से नारायणपुर के एक मजदूर को टीवी बीमारी होने की शिकायत मिली थी. उक्त बैठक में खान महानिदेशालय की टीम ने मजदूरों की सुरक्षा को लेकर खनन स्थल पर ही प्रशिक्षण की व्यवस्था करने की बात कही थी, लेकिन अभीतक मजदूरों को प्रशिक्षण नहीं दिया गया है.
खनन में कार्य करने वाले
मजदूरों को होती है बीमारी
खनन में कार्य करने वाले मजदूरों को विभिन्न प्रकार से बीमारी होती है. धूलकण से आंख, फेफड़े की बीमारी सहित टीवी, सांस लेने की बीमारी देख जाती है. इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने मजदूरों के स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था तथा सुरक्षा को लेकर कई अहम निर्देश दिया है.
क्या कहते हैं खनन पदाधिकारी
जिला खनन पदाधिकारी भोला हरिजन ने कहा कि खान महानिदेशालय की टीम ने मजदूरों के प्रशिक्षण देने की बात कही थी. लेकिन अभी कोई दिश-निर्देश नहीं दिया गया है. जामताड़ा जिला के 13 माईिनंग से कुल 68 मजदूरों के स्वास्थ्य की जांच की गयी है. जिसमें से नारायणपुर के एक मजदूर को टीवी होने की शिकायत मिली है. क्रेशर, खनन में कार्य के दौरान कई प्रकार की बीमारी होती है. जिसे ध्यान में रखते हुए ही मजदूरों को प्रशिक्षण देना है.

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