बेकाबू कार ने 12 दिन में ली तीन जान

जमशेदपुर : शहर में रात होते ही कार बेकाबू हो जा रही है. नशे में कार चालक बाइक-स्कूटी व पैदल राहगीरों को कुचल दे रहे है. गुरुवार रात अनियंत्रित कार ने बिष्टुपुर में एक सब्जी विक्रेता की जान ले ली. उसी समय काशीडीह-सीतारामडेरा पुलिया के पास बेकाबू कार की चपेट में आकर बाइक सवार दो […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 23, 2019 2:35 AM

जमशेदपुर : शहर में रात होते ही कार बेकाबू हो जा रही है. नशे में कार चालक बाइक-स्कूटी व पैदल राहगीरों को कुचल दे रहे है. गुरुवार रात अनियंत्रित कार ने बिष्टुपुर में एक सब्जी विक्रेता की जान ले ली. उसी समय काशीडीह-सीतारामडेरा पुलिया के पास बेकाबू कार की चपेट में आकर बाइक सवार दो युवक गंभीर रूप से जख्मी हो गये. जिन्हें टीएमएच में भर्ती कराया गया है.

मंगलवार को टेल्को मनीफीट धोबी बस्ती रोड में अनियंत्रित कार की चपेट में आकर स्कूटी सवार दो महिलाओं समेत तीन गंभीर रूप से जख्मी हो गये. हर दुर्घटना में पुलिस ने पाया कि कार चालक नशे में था.

एेसे मामलों में केस दर्ज करने अथवा समझौता कराने के अलावा पुलिस अधिक प्रभावी कदम नहीं उठा पा रही है. पुलिस को ऐसे चालकों पर अभियान चलाकर कार्रवाई करने के लिए ब्रेथ एनालाइजर किट दिया गया है, लेकिन इसका उपयोग सिर्फ नये साल में किया जाता है.

"रात के वक्त अधिकांश कार दुर्घटना का कारण नशा ही होता है. रात के समय ब्रेथ एनालाइजर से जांच करने में पुलिस बल की समस्या है. शाम के बाद ट्रैफिक पुलिस जांच नहीं करती. नये साल अथवा विशेष तिथि में ब्रेथ एनालाइजर से जांच इसलिए हो पाती है क्योंकि तब पुलिस बल मिला होता है. नशा करने वाला व्यक्ति अगर विरोध करेगा तो ट्रैफिक जवान कुछ नहीं कर पायेगा. इसमें पुलिस का भी सहयोग चाहिए."

शिवेंद्र, ट्रैफिक डीएसपी, जमशेदपुर

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