जमशेदपुर : सुंदर.. मुंदरियाे हाे.. दुल्ला भट्टीवाला…

जमशेदपुर : लाेहड़ी का त्याेहार रविवार काे पंजाबी समुदाय के लाेगाें ने अपने घराें में धूमधाम से मनाया. उन घराें में लाेहड़ी काे लेकर विशेष आयाेजन किया गया था, जिनके बेटे का विवाह हुआ है या जिनके बच्चे हुए हैं. दिन के वक्त पंजाबी समुदाय के लाेग गुरु गाेविंद सिंह के नगर कीर्तन में व्यस्त […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 14, 2019 6:42 AM
जमशेदपुर : लाेहड़ी का त्याेहार रविवार काे पंजाबी समुदाय के लाेगाें ने अपने घराें में धूमधाम से मनाया. उन घराें में लाेहड़ी काे लेकर विशेष आयाेजन किया गया था, जिनके बेटे का विवाह हुआ है या जिनके बच्चे हुए हैं.
दिन के वक्त पंजाबी समुदाय के लाेग गुरु गाेविंद सिंह के नगर कीर्तन में व्यस्त रहे, जबकि शाम काे लाेहड़ी का आयाेजन कर खान-पान की तैयारियाें में जुट गये. लोहड़ी के अवसर पर आग में तिल, गुड़, गजक, रेवड़ी और मूंगफली चढ़ाई गयी. आग के चारों तरफ चक्कर लगाकर सुखी जीनव की कामना की.
नाच गाना का भी किया जाता है इंतजाम
सभी लोग अग्नि का गोल-गोल चक्कर लगाते हुए सुंदरिए-मुंदरिए हो, ओ आ गई लोहड़ी वे, जैसे पारंपरिक गीत गाते हुए ढोल-नगाड़ों के साथ नाचते-गाते इस पावन पर्व को उल्लास के साथ मनाते देखे गये.
लाेहड़ी पर अमूमन लोहड़ी के गीताें के साथ-साथ दुल्ला भट्टी की कहानी सुनाते हुए नाच गाना का भी विशेष इंतजाम किया जाता है. लोहड़ी पर दुल्ला भट्टी की कहानी सुनने का खास महत्व है.

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