मिसाल! 3 किमी लंबी सड़क के लिए दान की जमीन, फिर श्रमदान कर 15 दिन में तैयार कर दी सड़क

आम लोगों की इच्छाशक्ति किसी भी सरकार या सरकार के तंत्र से ज्यादा मजबूत होती है. लोग ठान लें, तो बड़े से बड़ा काम कर डालते हैं. संयुक्त बिहार में गया जिला के दशरथ मांझी ने अपने दम पर पहाड़ काटकर सड़क बना दी, तो गोड्डा जिला का धनंजय लॉकडाउन में गर्भवती पत्नी को स्कूटी से करीब 1300 किलोमीटर दूर भोपाल परीक्षा दिलाने चला गया. हजारीबाग जिला के बड़कागांव में भी ग्रामीणों ने एक मिसाल पेश की है. अपनी जमीन दान की और श्रमदान करके करीब तीन किलोमीटर लंबी सड़क तैयार कर दी.

By Prabhat Khabar Print Desk | October 12, 2020 11:16 PM

बड़कागांव (संजय सागर) : आम लोगों की इच्छाशक्ति किसी भी सरकार या सरकार के तंत्र से ज्यादा मजबूत होती है. लोग ठान लें, तो बड़े से बड़ा काम कर डालते हैं. संयुक्त बिहार में गया जिला के दशरथ मांझी ने अपने दम पर पहाड़ काटकर सड़क बना दी, तो गोड्डा जिला का धनंजय लॉकडाउन में गर्भवती पत्नी को स्कूटी से करीब 1300 किलोमीटर दूर भोपाल परीक्षा दिलाने चला गया. हजारीबाग जिला के बड़कागांव में भी ग्रामीणों ने एक मिसाल पेश की है. अपनी जमीन दान की और श्रमदान करके करीब तीन किलोमीटर लंबी सड़क तैयार कर दी.

यह शानदार पहल की है बड़कागांव प्रखंड के पड़रिया के ग्रामीणों ने. ग्रामीणों ने अपने गांव से बुढ़वा महादेव महूदी पहाड़ तक लगभग 3 किलोमीटर लंबी सड़क तैयार कर दी. प्रशासनिक अधिकारियों ने जब सड़क का निर्माण नहीं कराया, तो इस इलाके के सभी गांवों के लोगों ने बैठक की. बैठक में बुढ़वा महादेव जाने का रास्ता आपसी सहमति से जमीन दान देकर बनाने का संकल्प लिया. देखते ही देखते काम शुरू हो गया. एक पखवाड़े से पड़रिया गांव के लोग बारी-बारी से सड़क निर्माण में अपना श्रमदान कर रहे हैं.

इस सड़क का निर्माण अब पूरा होने को है. इस गांव का निर्माण पूरा हो जाने के बाद पड़रिया गांव के साथ-साथ क्षेत्र के दर्जनों गांवों में खुशी की लहर है. इस सड़क की वजह से बुढ़वा महादेव जाने में सुविधा होगी. लोगों को कम दूरी तय करनी होगी. फलस्वरूप उनका काफी समय बच जायेगा. क्षेत्र में पड़रिया गांव के लोगों की इस दरियादिली की लोग खुले मन से तारीफ कर रहे हैं. लोग इस गांव के लोगों से सीख लेने की बात कह रहे हैं. अन्य गांव के लोग भी कह रहे हैं कि इसी तरह नयी-नयी सड़कों का निर्माण करना होगा, ताकि गांवों के लोगों की परेशानी दूर हो.

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सड़क के लिए इन लोगों ने जमीन दान दी

बैठक में निर्णय लिया गया कि तीन किलोमीटर लंबी और 10 फुट चौड़ी सड़क बनाने का निर्णय लिया गया. जिसकी जमीन रास्ते में पड़ी, उसने स्वेच्छा से दान कर दिया. दान देने वालों में मुख्य रूप से लालमणि महतो, गुलाब ठाकुर, प्रभु ठाकुर, मुक्तेश्वर ठाकुर, वंशी ठाकुर, रामेश्वर ठाकुर, तुलसी ठाकुर, झरि महतो, नरेश महतो, महेंद्र महतो, सालों महतो, मगन महतो, रामेश्वर राणा, राजकुमार राणा, बेचन राणा, सहदेव राणा, भोला महतो, मोहन महतो, कोइली महतो, कार्तिक महतो, विकास महतो, कमल महतो, मोहर महतो, विश्वनाथ महतो, मोहम्मद नजीर खान, बरकत अली, मोहम्मद सनाउल्लाह, मोहम्मद सलीम, बैजनाथ महतो, राम लाल महतो, सूरज महतो, धर्म नाथ महतो, दशरथ महतो, टहलू महतो, लालू महतो, कैलाश महतो, कोल्हा महतो, त्रिभुवन महतो, बुधलाल साव, अयोध्या महतो व अन्य शामिल हैं. इन लोगों ने जमीन दान देने के साथ-साथ श्रमदान भी किया है. इन्होंने स्वयं कुदाल और कड़ाही लाकर सड़क बनाने का काम किया.

सड़क से दर्जनों गांव के लोग होंगे लाभान्वित

यूं तो उक्त सड़क बनने के बाद बड़कागांव पश्चिमी क्षेत्र के सभी गांवों को इसका लाभ सीधे तौर पर मिलेगा, लेकिन विशेष रूप से पड़रिया, चोरका, जमनीडीह, सिकरी, पारपैन, महटीकरा, केरीगड़ा समेत दर्जनों गांवों के लोगों को इसका लाभ मिलेगा. बुढ़वा महादेव जाने वालों का काफी समय बचेगा.

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Posted By : Mithilesh Jha

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