Jharkhand News: ढाई साल से स्कूलों में खड़ी बसों के नहीं चलने से मालिक परेशान, डिप्रेशन के हो रहे शिकार

कोरोना संक्रमण के बाद से हजारीबाग के कई स्कूलों में स्कूली बस पिछले ढाई साल से खड़ी है. स्कूली बसों के नहीं चलने से बस मालिक काफी परेशान हैं. एक ओर जहां बस मालिक बसों का किस्त जमा नहीं कर पा रहे हैं, वहीं आर्थिक समस्या के कारण डिप्रेशन के शिकार हो रहे हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 24, 2021 6:31 PM

Jharkhand News (आरिफ/अजय ठाकुर, हजारीबाग/चौपारण) : झारखंड के हजारीबाग जिले में लगभग 15 सौ से अधिक प्राइवेट स्कूल है. कोरोना संक्रमण के कारण करीब ढाई वर्षों से स्कूलों में बसें खड़ी है. इससे कई बस मालिक परेशान हैं. वहीं, स्कूली बसों के नहीं चलने से पैरेंट्स भी काफी परेशान दिख रहे हैं. हेमंत सरकार ने कक्षा 6 से ऊपर के स्कूल को खोल दिये हैं.

इधर, स्कूलों में खड़ी दर्जनों गाड़ियों का टेक्स फेल हो गया है. परिवहन से जारी परमिट, फिटनेस, चालक का लाइसेंस, गाड़ी का इंश्योरेंस व अन्य कागजात समय पर नहीं बना हैं. दूसरी ओर, कई स्कूल बसें बैंक एवं अन्य प्राइवेट संस्थान से फाइनेंस कराये हैं. समय पर किस्त जमा नहीं होने से बैंकों द्वारा नोटिस किया गया है. इससे स्कूल बस मालिक दोहरी मार झेलने को मजबूर हैं. हजारीबाग के चौपारण से चौंकाने वाली खबर है. किश्ती फेल होने से कई बस मालिक डिप्रेशन के शिकार हो गये हैं.

ताजा आंकड़े के अनुसार, बरही डीएवी में 17, सुरेखा प्रकाश भाई पब्लिक स्कूल बहेरा में 23, मुनअम पब्लिक स्कूल में 10, ज्ञानकुंज पब्लिक स्कूल में 3, राज मेमोरियल ताजपुर में 2, इंटर नेशनल स्कूल नगवां में 5 के अलावे अन्य स्कूलों में भाड़े पर बस दी गयी है. गाड़ी भाड़ा नहीं मिलने से कई बस मालिकों ने समय पर किस्त जमा नहीं किया है. अब उनके सामने जीवन-मरण की स्थित उत्पन्न है. यही स्थिति जिले के अन्य कई स्कूली बस संचालकों ने भी व्यक्त की है.

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स्कूल बस मालिक की पीड़ा

चोपारण चतरा मोड़ के एक स्कूल बस मालिक सुनील सिंह ने कहा कि उनके पास एक बस स्टेट बैंक चौपारण शाखा से फाइनेंस है. बस बरही डीएवी स्कूल में भाड़े पर दी गयी है. लॉकडाउन के बाद किसी तरह किस्त जमा किया है. इधर, लगातार चार किस्त फेल होने से उनकी परेशानी बढ़ गयी है.

बस संचालकों की समस्या से हैं अवगत : प्रिंसिपल

वहीं, चौपारण सुरेखा भाई पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल रीना पांडेय ने कहा कि स्कूल बंद होने के बाद विद्यार्थियों का फीस बंद है. एक-दो महीने तक बस भाड़ा बस संचालकों को दी गयी है. इसके बाद उन्हें बस भाड़ा नहीं मिली है. इस बात की जानकारी बस मालिकों को भी है कि स्कूल बंद से स्कूल फीस नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि बस संचालकों की समस्या से पूरी तरह अवगत है.

एक अक्टूबर, 2021 के बाद से सभी तरह के रिबेट होंगे बंद :

इस संबंध में हजारीबाग के मोटरयान निरीक्षक रजनीकांत सिंह ने कहा कि देश में लॉकडाउन के बाद सभी तरह के कागजातों से अपडेट स्कूली बस सहित यात्री एवं दूसरी वाहनों को केंद्र एवं राज्य सरकार दोनों ने टेक्स व अन्य सुविधाएं का लाभ दिया है. इधर, 30 सितंबर 2021 तक परिवहन विभाग ने बस संचालकों को कई मामलों में रिबेट दिया है. एक अक्टूबर 2021 बाद सभी तरह के रिबेट बंद होंगे.

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Posted By : Samir Ranjan.

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