इंटीग्रेटेड बीएड में दो वर्ष से रुका हुआ है नामांकन

विनोबा भावे विश्वविद्यालय हज़ारीबाग के इंटीग्रेटेड बीएड वर्ष 2021 का अप्रेजल रिपोर्ट एनसीटीई में जमा नहीं होने से विभावि में वर्ष 2022 से इंटीग्रेटेड बीएड का नामांकन दो वर्ष से रुका हुआ है.

By Prabhat Khabar Print | May 24, 2024 10:04 PM

2021 का अप्रेजल रिपोर्ट एनसीटीई में जमा नहीं किया हज़ारीबाग. विनोबा भावे विश्वविद्यालय हज़ारीबाग के इंटीग्रेटेड बीएड वर्ष 2021 का अप्रेजल रिपोर्ट एनसीटीई में जमा नहीं होने से विभावि में वर्ष 2022 से इंटीग्रेटेड बीएड का नामांकन दो वर्ष से रुका हुआ है. विभावि के पास इंटीग्रेटेड बीएड में शिक्षक नहीं होने से विभावि एनसीटीई में अपना अप्रैजल रिपोर्ट नहीं दे पा रही है. जिसके कारण विभावि के इंटीग्रेटेड कोर्स में वर्ष 2022 से नामांकन बंद है. अप्रेजल रिपोर्ट नहीं जमा होने से एनसीटीई से विभावि को वर्ष 2022 का मान्यता नहीं मिली. विभावि ने अब तक एनसीटीई के पास अप्रैजल रिपोर्ट जमा भी नहीं किया है. अप्रैजल रिपोर्ट नहीं जमा होने से विभावि का इंटीग्रेटेड बीएड पाठ्यक्रम बंद होने के कगार पर चला जायेगा. अब तक जिस सत्र में नामांकन नहीं हुआ उसमें सत्र 22-26 एवं सत्र 23-27 शामिल है. इन दो वर्षों में 200 नामांकन नहीं हो पाया. जिसका असर इंटरमीडिएट उत्तीर्ण विद्यार्थी पर पड़ा हैं. एनसीटीई से मान्यता के बाद 2018 से चल रहा हैं कोर्स विभावि का इंटीग्रेटेड बीएड पाठ्यक्रम विभावि परिसर में वर्ष 2018 से चल रहा है. इसे एनसीटीई से मान्यता प्राप्त है. इंटरमीडिएट उत्तीर्ण विद्यार्थियों के लिए यह पसंदीदा कोर्स है. इस कोर्स को चार वर्षीय बीए बीएड एवं बीएससी बीएड के नाम से जाना जाता है. झारखंड के सरकारी विश्वविद्यालय में विनोबा भावे विश्वविद्यालय एकमात्र विश्वविद्यालय है, जहां इंटीग्रेटेड बीएड का कोर्स चल रहा है. यह चार वर्ष का कोर्स है, जिसमें इंटरमीडिएट उत्तीर्ण विद्यार्थी शिक्षक बनने के लिए नामांकन लेते हैं. विभावि के इस कोर्स में वर्ष 2018 से चार बैच का नामांकन हुआ. जिसमें एक बैच में 100 शिक्षार्थी पासआउट भी हुए हैं . इस बैच के रिजल्ट निकलने के एक माह के अंदर लगभग 50 शिक्षार्थी ने जॉब भी पकड़ लिया . प्रत्येक वर्ष देनी पड़ती है अप्रैजल रिपोर्ट एनसीटीई से मान्यता मिलने के बाद संस्थान को प्रत्येक वर्ष अप्रैजल रिपोर्ट एनसीटीई के पास जमा करना होता है . विभावि ने इस कोर्स को चलाने के लिए वर्ष 2015 से तैयारी की जा रही थी. इसी क्रम में शिक्षकों की बहाली के लिए इंटरव्यू लिया गया. जिसका रिजल्ट विभावि ने निकाला, जिसमें 14 शिक्षको को बहाल करने की सूची जारी की गयी. एनसीटीई से मान्यता लेने के लिए विभावि ने इन्ही शिक्षकों की सूची को एनसीटीई के पास जमा किया. तभी विभावि को एनसीटीई से कोर्स चलाने की मान्यता मिली. वर्ष 2021 में एनसीटीई ने अप्रैजल रिपोर्ट नहीं जमा करनेवाले संस्थानों में कोर्स को बंद करने का आदेश दिया था. जिसमें विभावि का भी नाम भी शामिल था . बाद ने एनसीटीइ ने कुछ शर्त के आधार पर कोर्स को चलाने की अनुमति दे दी. उस समय से विभावि एनसीटीई के पास इंटीग्रेटेड बीएड का अप्रैजल रिपोर्ट नहीं जमा कर रहा है. 2015 से शिक्षक की बहाली नहीं हो पायी है विभावि के पास इंटीग्रेटेड बीएड में शिक्षक नहीं होने से विभावि एनसीटीई में अपना अप्रैजल रिपोर्ट नहीं दे पा रही है. वर्ष 2015 में विभावि ने इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स में शिक्षक की बहाली के लिए इंटरव्यू के आधार पर 14 शिक्षकों का पैनल जारी किया था . 2018 में इंटीग्रेटेड बीएड को मान्यता मिलने के बाद विभावि ने जारी पैनल के आधार पर शिक्षकों की बहाली नहीं की. नाराज शिक्षकों ने न्यायालय का सहारा लिया . जिसके कारण इंटीग्रेटेड बीएड में आज तक शिक्षक की बहाली रुकी हुई है .

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