क्या आपने भूत भराई के बारे में सुना है! झारखंड के गांवों में आज भी जीवित है यह परंपरा

Jharkhand News, Bhut Bharai, Durga Ashtami: क्या आपने भूत भराई के बारे में सुना है! झारखंड के गांवों में आज भी यह परंपरा जीवित है. यह एक तरह का अंधविश्वास है, जो शारदीय नवरात्र की आठवीं तिथि यानी अष्टमी के दिन ही की जाती है. यह झाड़-फूंक करने, ओझा-नाइयों द्वारा टोटका, जादू-टोना करने की ही एक परंपरा है, जो वैदिक काल से चली आ रही है. झारखंड के हजारीबाग जिला के गांव-देहातों में स्थित देवकुरियों एवं देवासों में भूत-पिशाच भगाने के लिए हर दिन डालिया लगाने की प्रथा भी है.

By Prabhat Khabar Print Desk | October 24, 2020 7:12 PM

Jharkhand News, Bhut Bharai, Durga Ashtami: बड़कागांव (संजय सागर) : क्या आपने भूत भराई के बारे में सुना है! झारखंड के गांवों में आज भी यह परंपरा जीवित है. यह एक तरह का अंधविश्वास है, जो शारदीय नवरात्र की आठवीं तिथि यानी अष्टमी के दिन ही की जाती है. यह झाड़-फूंक करने, ओझा-नाइयों द्वारा टोटका, जादू-टोना करने की ही एक परंपरा है, जो वैदिक काल से चली आ रही है. झारखंड के हजारीबाग जिला के गांव-देहातों में स्थित देवकुरियों एवं देवासों में भूत-पिशाच भगाने के लिए हर दिन डालिया लगाने की प्रथा भी है.

प्रति डालिया 50 रुपये देने पड़ते हैं. डालिया के दौरान भूत-पिशाचों व जादू-टोना की बातें निकाली जाती हैं. डालिया देवकुरियों एवं देवासों के भगत और भगताइनों द्वारा लगाया जाता है. देवासियों एवं मंडलों में खासकर भूत भरने की परंपरा दुर्गा पूजा में विशेष होती है, क्योंकि इन मंडपों एवं देवकुरियों में नवरात्र में 9 देवियों एवं 36 माताओं की भी पूजा की जाती है.

बड़कागांव प्रखंड में भूत भराई शादी-विवाह में भी होती है. भूत भराई में शिक्षित व अशिक्षित लोग सभी शामिल होते हैं. ऐसी ही भूत भरने की प्रक्रिया शनिवार (24 अक्टूबर, 2020) को दुर्गा अष्टमी को लेकर झारखंड के हजारीबाग जिला के बड़कागांव के दर्जनों देवासों व देवकुरियों में देखने को मिला.

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बड़कागांव प्रखंड आसपास के क्षेत्रों में दुर्गा महाअष्टमी के मौके पर मंडपों एवं देवकुरियों में भूत भरने की परंपरा है. गांव की महिलाओं का कहना है कि यह परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है. आज यह परंपरा विशेषकर बड़कागांव आंबेडकर मोहल्ला स्थित मंडप में देखने को मिला. यहां बजरंग राम ने भूत भरनी की. मंडप में पूजा करने के दौरान उनके पूर्वजों की आत्मा एवं 36 देवियां उनके अंदर सवार हो गयी.

इस दौरान आस-पड़ोस के लोग उनके चरणों में गिर पड़े. अपने एवं क्षेत्र की सुरक्षा के लिए लोगों ने दुआ मांगी. भूत भरने के दौरान श्री राम ने उन लोगों को अक्षत देकर आशीर्वाद दिया. इतना ही नहीं, मंडप में भतुआ एवं गन्ने की बलि दी गयी. बताया जाता है कि भतुआ एवं गन्ने की बलि देने से क्षेत्र के लोगों को सुख शांति मिलती है और समृद्धि होती है.

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भूत भरने के दौरान उनके अंदर उनके पूर्वजों की आत्मा सवार होती गयी और लोगों को आशीर्वाद दिया. भूत भरने की परंपरा बड़कागांव प्रखंड तथा आसपास के क्षेत्रों में लगभग 1200 देवकुरियों एवं मंडपों में चली आ रही है. आज सभी देवकुरियों एवं मंडपों में भूत भराई की गयी. भूत भराई के दौरान 36 जनों ने सवार होकर कहा कि बड़कागांव को बीमारियों से छुटकारा मिलेगा एवं लोगों के जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आयेगी. भूत भराई के दौरान उन लोगों की झाड़-फूंक भी की गयी, जिनकी तबीयत खराब है.

Posted By : Mithilesh Jha

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