भ्रष्टाचार देश के आर्थिक विकास के लिए खतरा : डॉ प्रमोद
विभावि के राजनीति विज्ञान विभाग में अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम
हजारीबाग. विनोबा भावे विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग में मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक दिवस के अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम किया गया. विषय था-भ्रष्टाचार के विरुद्ध युवाओं की एकजुटता : आने वाले कल की ईमानदारी के निर्माण की दिशा में. मुख्य वक्ता प्राध्यापक डॉ प्रमोद कुमार ने कहा कि भ्रष्टाचार न केवल आर्थिक विकास में बाधक है, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों को भी कमजोर करता है. उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे पारदर्शिता, जवाबदेही और ईमानदारी को अपने व्यवहार में अपनाकर समाज में सकारात्मक बदलाव लायें. अध्यक्षता विभागाध्यक्ष डॉ सुकल्याण मोइत्रा ने की. उन्होंने बताया कि सबसे बड़ी चुनौती समाज में जागरूकता और सही समझ की कमी है और इसे दूर करने के लिए ऐसे कार्यक्रम जरूरी हैं. डॉ मोइत्रा ने ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा प्रकाशित 180 राष्ट्रों के भ्रष्टाचार सूचकांक के बारे में जानकारी दी. इसमें सोमालिया, दक्षिण सूडान और वेनेजुएला सबसे अधिक भ्रष्टाचार वाले देशों में हैं, जबकि डेनमार्क, फिनलैंड, सिंगापुर, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, स्विट्जरलैंड और स्वीडन भ्रष्टाचार के न्यूनतम स्तर पर हैं. भारत इस सूची में 93वें स्थान पर है, जिसे सुधारने की सख्त जरूरत है. उन्होंने कहा कि भारत में बदलाव तभी संभव है जब आज के युवा नैतिक मूल्यों को अपनायें. संचालन शोधार्थी प्रतीक कुमार ने किया. मौके पर शोधार्थी धर्मेंद्र कुमार, इनामुल अंसारी समेत अन्य विद्यार्थी उपस्थित थे.
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