अधिकारों के साथ कर्तव्यों के प्रति भी जागरूक रहना जरूरी
विभावि में विश्व मानव अधिकार दिवस पर कार्यशाला
हजारीबाग. विनोबा भावे विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग में विश्व मानव अधिकार दिवस पर बुधवार को संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया. अध्यक्षता विभागाध्यक्ष डॉ सुकल्याण मोइत्रा ने की. उन्होंने कहा कि मानव को पूर्ण मानव के रूप में विकसित करना इसका मुख्य उद्देश्य है. यह तभी संभव होगा जब मानव की गरिमा और अधिकार स्थापित किये जायें. उन्होंने कहा कि मानव अधिकार के समक्ष दो बड़ी चुनौतियां हैं-दूसरे के अधिकारों का उल्लंघन और अपने ही अधिकारों का दुरुपयोग. मुख्य वक्ता डॉ अजय बहादुर सिंह ने कहा कि दुनिया में कोई भी अधिकार ऐसा नहीं है जिसके साथ कर्तव्य न जुड़ा हो. इसलिए अधिकारों के साथ कर्तव्यों के प्रति भी सचेत रहना आवश्यक है. उन्होंने बताया कि 2025 के मानव अधिकार दिवस के लिए संयुक्त राष्ट्र ने ‘मानव अधिकार हमारी रोजमर्रा की आवश्यकता’ थीम जारी की है. इसका अर्थ है कि मानव अधिकार को जीवन शैली का अभिन्न अंग बनाना होगा. अंत में प्रतिभागियों ने जिम्मेदार नागरिक के रूप में मानव अधिकार को प्रभावी रूप से स्थापित करने का संकल्प लिया. कार्यक्रम में शोधार्थियों सहित राजनीति विज्ञान, इतिहास और उर्दू के विद्यार्थी उपस्थित थे.
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