हजारीबाग : योजना 52 से बढ़ कर पहुंची 700 करोड़, पहले चरण में 60 करोड़ का होगा काम, 5 साल में 13गुणा बढ़ गयी प्राक्कलित राशि

हजारीबाग : हजारीबाग रिंग रोड का काम 15 साल बाद फिर से शुरू होनेवाला है. रिंग रोड की कुल लंबाई 16.432 किमी है. इसमें मात्र 5.582 किमी सड़क निर्माण के लिए राज्य सरकार के पथ निर्माण विभाग-पथ प्रमंडल हजारीबाग द्वारा इ प्रोक्योरमेंट निविदा तैयार की गयी है. हजारीबाग पटना रोड एनएच-100 के मेरावल गांव से […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 4, 2019 12:46 AM

हजारीबाग : हजारीबाग रिंग रोड का काम 15 साल बाद फिर से शुरू होनेवाला है. रिंग रोड की कुल लंबाई 16.432 किमी है. इसमें मात्र 5.582 किमी सड़क निर्माण के लिए राज्य सरकार के पथ निर्माण विभाग-पथ प्रमंडल हजारीबाग द्वारा इ प्रोक्योरमेंट निविदा तैयार की गयी है.

हजारीबाग पटना रोड एनएच-100 के मेरावल गांव से चतरा रोड वाया हजारीबाग-रामगढ़-मासीपीढी तक रिंग रोड का निर्माण होना है. इसमें कुल 17 गांव शामिल है. रिंग रोड का निर्माण एनएच-100 हजारीबाग चतरा रोड रेवाली गांव से डामोडीह, सिरसी दो खपरियावां और मासीपीढी गांव एनएच-33 हजारीबाग रामगढ़ रोड तक होगा. निर्माण के लिए 60.09 करोड़ 26 हजार रुपये का टेंडर निकाला गया है.
सड़क बनाने की अवधि एक साल निर्धारित है. ज्ञात हो कि वर्ष 2004-05 में हजारीबाग रिंग रोड की योजना 52 करोड़ की थी. 2011-12 में रिंग रोड की प्राक्कलित राशि बढ़ कर 177.99 करोड़ हो गयी. वर्ष 2013 में प्राक्कलन राशि 233.15 करोड़ रुपये हो गयी. 2016 में 400 करोड़ उसके बाद वर्तमान में यह योजना लगभग 700 करोड़ रुपये से पार कर गयी है.
इन गांवों से होकर गुजरेगी सड़क
हजारीबाग-पटना रोड सिंदूर से नावाडीह, मंडईखुर्द, मंडईकला, अलगडीहा, रोमी, अतिया, गदोखर, कस्तूरीखाप, कदमा दो, सलगावां और मसरातू गांव तक रिंग रोड का काम लंबित रखा गया है. लगभग 12 किमी सड़क का कार्य दूसरे चरण में कराने की बात की जा रही है.
योजना 15 वर्षों तक लंबित
रिंग रोड की डीपीआर तैयार करने का काम परामर्शी सेमसंग प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड-अशोक नगर रांची को वर्ष 2008 में दिया गया. 54 हजार रुपया भुगतान के बाद डीपीआर रद्द कर दी गयी. इसके बाद कई बार अलग-अलग संस्थानों से डीपीआर तैयार की गयी, लेकिन रद्द होता चला गया.
सिर्फ डीपीआर बनाने में करोड़ों रुपये खर्च हो गये. भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी धीमी गति से हुई. नगर विकास विभाग को रिंग रोड योजना से 2013 में अलग किया गया.
जून 2015 में रिंग रोड को शहर के बाहर करने के लिए सरकार ने नया प्रस्ताव लाया. फरवरी 2016 से रिंग रोड का नया नक्शा व भूमि अधिग्रहण का काम शुरू हुआ. झारखंड हाइकोर्ट में इस मामले को लेकर जनहित याचिका दायर की गयी. जनहित याचिका सुनवाई के बाद अब तक कार्य शुरू नहीं हो पाया है.
क्या है योजना
वर्ष 2004-05 में हजारीबाग में रिंग रोड बनाने की योजना तैयार की गयी थी. इसकी प्राक्कलन राशि 52 करोड़ रुपये थी. इसके लिए 237.924 एकड़ जमीन अर्जित करनी थी. रिंग रोड दो भाग में बनना था. हजारीबाग-पटना रोड से नगवां सिंदूर मेरावल से नावाडीह, मंडईखुर्द, मंडईकला, अलगडीहा, रोमी अतिया, गदोखर, कस्तूरीखाप, कदमा दो, सलगावां, मसरातू, रेवाली, डामोडीह, सिरसी, खपरियावां से मासीपीढी, हजारीबाग रामगढ रोड में मिलाने की योजना है.
क्या कहते हैं अधिकारी
पथ प्रमंडल के कार्यपालक पदाधिकारी टुनटुन सिंह ने कहा कि सरकार का जो आदेश आया है उसी के तहत रिंग रोड सडक निर्माण का टेंडर निकाला गया है. आगे जो आदेश आयेगा उस पर काम होगा.

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