गुमला डीएस का कड़ा रुख, दो दर्जन कर्मियों की हाजिरी काटी, मांगा स्पष्टीकरण

कुछ लोग आयुष्मान योजना के तहत निबंधन करा कर एंटी रैबीज लेते हैं. लेकिन सर, हमलोग एंटी रैबीज देने वाले समय से अस्पताल पहुंचते हैं. फिर भी आयुष्मान योजना के कर्मी मनमर्जी डयूटी पर आते हैं. ऐसे में हम कैसे आयुष्मान योजना के तहत एंटी रैबीज लेनेवाले कर्मियों को वैक्सीन दे. इतनी बात सुनते ही डीएस आक्रोशित हो उठे. उन्होंने अस्पताल के चतुर्थ वर्गीय कर्मियों से लेकर हर विभाग के कर्मियों व स्टाफ नर्स के ससमय नहीं पहुंचने की हाजिरी काट दी.

By Prabhat Khabar | June 16, 2021 1:09 PM

गुमला : सदर अस्पताल गुमला के उपाधीक्षक डॉक्टर आनंद किशोर उरांव ने अस्पताल की व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए कर्मियों को ससमय पहुंचने का पत्र जारी करने के चार दिन बाद भी कर्मियों में सुधार नहीं आने पर अपने डीएस ने मंगलवार को कड़ा रुख अख्तियार किया. इसी बीच दवा वितरण केंद्र के एंटी रैबीज इंजेक्शन देनेवाले कर्मी सुरेंद्र लकड़ा ने डीएस से कहा कि अस्पताल खुलते ही एंटी रैबीज लेने के लिए लोग पहुंचते हैं.

कुछ लोग आयुष्मान योजना के तहत निबंधन करा कर एंटी रैबीज लेते हैं. लेकिन सर, हमलोग एंटी रैबीज देने वाले समय से अस्पताल पहुंचते हैं. फिर भी आयुष्मान योजना के कर्मी मनमर्जी डयूटी पर आते हैं. ऐसे में हम कैसे आयुष्मान योजना के तहत एंटी रैबीज लेनेवाले कर्मियों को वैक्सीन दे. इतनी बात सुनते ही डीएस आक्रोशित हो उठे. उन्होंने अस्पताल के चतुर्थ वर्गीय कर्मियों से लेकर हर विभाग के कर्मियों व स्टाफ नर्स के ससमय नहीं पहुंचने की हाजिरी काट दी.

इस दौरान लगभग दो दर्जन से अधिक कर्मियों की हाजिरी डीएस ने काट कर स्पष्टीकरण की मांग की है. सबसे दिलचस्प बात है कि डीएस ने अस्पताल प्रशासक रवि सौरभ को भी समय पर अस्पताल नहीं पहुंचने व अस्पताल की साफ सफाई सहित अन्य व्यवस्था में लापरवाही बरतने पर उनकी हाजिरी काट दी. इधर, डीएस की कार्रवाई के बाद कई कर्मी भागे भागे अस्पताल पहुंचे. वे डीएस से माफी मांगते नजर आये. कर्मी कह रहे थे.

डीएस डॉक्टर आनंद किशोर उरांव ने प्रधान लिपिक सुकरा उरांव को अपने कार्यालय में बुला कर जिनकी हाजिरी काटी गयी है. उनके वेतन पर रोक लगाने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि उपरोक्त कर्मी अपनी नौकरी को मनमाने ढंग से कर रहे हैं. जबकि अस्पताल में गरीब व सुदूरवर्ती क्षेत्र के ग्रामीण अपना इलाज कराने पहुंचते हैं.

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