Jharkhand News: नये साल में मनोरंजन के साथ ऐतिहासिक धरोहर देखना चाहते हैं, तो गुमला का नवरत्न गढ़ देखिए

Jharkhand News: नगर गांव के नाम से जाना जाता है. कभी यहां किलकारियां गूंजा करती थी. यहां के लोगों का पहनावा, बोलचाल, खानपान वर्तमान परिवेश से एकदम भिन्न था, परंतु आज यहां वीरानी छायी है. गजब की खामोशी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 19, 2021 3:37 PM

Jharkhand News: नवरत्न गढ़ (डोइसागढ़) विश्व धरोहर है. नववर्ष में यहां मनोरंजन के अलावा इतिहास जानना है तो जरूर आइए. रांची व गुमला मार्ग पर स्थित सिसई प्रखंड में नगर गांव हैं. यह गांव अपने अंदर ऐतिहासिक धरोहर नवरत्न गढ़ को समेटे हुए है. आज इसका नाम वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल है. डोइसागढ़, नवरत्न गढ़, रानी लुकई, कमल सरोवर, कपिलनाथ मंदिर, भैरव मंदिर अपनी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि व नयनाभिराम प्राकृतिक दृश्य के कारण पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. यह छोटानागपुर के नागवंशी राजाओं की ऐतिहासिक धरोहर है.

आज के इस हाइटेक युग से हजारों वर्ष पुरानी कहानी है. डोइसागढ़ जो आज नगर गांव के नाम से जाना जाता है. कभी यहां किलकारियां गूंजा करती थी. यहां के लोगों का पहनावा, बोलचाल, खानपान वर्तमान परिवेश से एकदम भिन्न था, परंतु आज यहां वीरानी छायी है. गजब की खामोशी है. नागवंशी राजाओं द्वारा बनाये गये भव्य भवन खंडहर में तब्दील हो गये हैं. इतिहास के अनुसार मुगल साम्राज्य से बचने के लिए राजा दुर्जनशाल ने इसे बनवाया था. नवरत्न गढ़ के चारों तरफ खाई थी और यहां घुसने का एक मात्रा रास्ता हुआ करता था, लेकिन कलांतार में समय बदला. कई भवन जमींदोज हो गये. कुछ भवन अभी भी शेष हैं. खाई समय के साथ खत्म हो गयी और वह समतल जमीन का रूप ले ली है. इसके इतिहास को बचाने की जरूरत है, ताकि हम आने वाली पीढ़ी को इसकी जानकारी दे सकें. इसके लिए जरूरी है कि सरकार इस दिशा में पहल करे. डोइसागढ़ को बचाये. हालांकि यह ऐतिहासिक स्थल नववर्ष में घूमने के लिहाज से अच्छी जगह है.

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डोइसागढ़ व नवरत्न गढ़ के नयनाभिराम प्राकृतिक दृश्य, पांच मंजिला वर्गाकार इमारत, 33 इंच मोटी दीवार, रानी वास, कचहरी घर, कमल सरोवर, रानी लुकईयर का भुलभुलैया, गुप्त कमरा, गुबंद का भीतरी भाग में पशु चित्र, घोड़ा, सिंहों से उत्कीर्ण परिपूर्ण आकृति, चारों कोनों पर शीर्ष गुबंदनुमा स्तंभों पर बड़े बड़े नाग लिपटे, जगन्नाथ मंदिर, भैरव मंदिर, कपिलनाथ मंदिर, मंदिर के गर्भगृह में बड़े आकार की मूर्ति, धोबी मठ, दीवारों पर मनोहारी चित्रकारी देख सकते हैं.

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गुमला जिले के सिसई से पांच, गुमला से 32 व रांची से 65 किमी दूर है. यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है. डोइसागढ़ तक जाने के लिए पक्की सड़क है. आसपास गांव हैं. यहां ठहरने व खाने पीने की व्यवस्था नहीं है. होटल सिसई में है, लेकिन सिसई में ठहरने की व्यवस्था नहीं है. ठहरने के लिए गुमला व रांची के होटलों में रूका जा सकता है. यहां सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक घूम सकते हैं.

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परेशानी हो, तो यहां करें संपर्क

गुमला एसडीपीओ : 9431706202

सिसई थाना : 9431706214

प्रभात खबर गुमला : 7004243637

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रिपोर्ट: जगरनाथ

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